नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assemly Elections) में बहुमत हासिल करने को लेकर आश्वस्त कांग्रेस निर्वाचित होने वाले विधायकों को खरीद-फरोख्त (Horse Trading) से बचाने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने अपने विधायकों को साथ रखने के लिए वरिष्ठ नेताओं की प्रतिनियुक्ति की है। उसने नए विधायकों को राजस्थान ले जाने की भी योजना बनाई है। हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की गिनती गुरुवार को होगी।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रही हैं और अगली रणनीति का मसौदा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तैयार किया है।
कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एग्जिट पोल के इस दावे को खारिज करते हुए कि भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है, कहा कि उनकी पार्टी हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल करेगी।
उधर, चुनावी इतिहास से हटकर मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा हिमाचल प्रदेश में अगले पांच साल तक सत्ता में बने रहने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है। राज्य के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 28,697 के सैंपल साइज के साथ एबीपी-सीवोटर एग्जिट पोल के आईएएनएस के विश्लेषण से यह बात सामने आई।
आईएएनएस के विश्लेषण के अनुसार, भाजपा को 68 सीटों वाली विधानसभा में 33 से 41 के बीच सीटें मिलने की संभावना है, जहां बहुमत का निशान 35 है। इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी कांग्रेस को 24 से 32 सीटें मिलने की संभावना है।
जबकि एक्सिस माई इंडिया-टीवीटीएन एग्जिट पोल ने कांग्रेस को 30-40 सीटों के साथ बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है।
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को एक चरण में मतदान कराया गया था। कुल 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 74.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
एक्सिस माई इंडिया-टीवीटीएन एग्जिट पोल ने भाजपा को क्रमश: 24-34 सीटों और अन्य (बीएसपी, आरडीपी, सीपीएम/सीपीआई और आईएनडी) को क्रमश: 4-8 सीट शेयर हासिल करने का अनुमान लगाया है। पहाड़ी राज्य में आप को शून्य सीटें मिलने का अनुमान है।