दिल्ली विधानसभा चुनाव : 5 फरवरी को मतदान, 8 को आएंगे नतीजे

वहीं, चुनाव की तारीखों की ऐलान करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग खुलकर अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं।

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  • Publish Date - January 7, 2025 / 03:38 PM IST

नई दिल्ली , 7 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi polls) में 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया। दिल्ली में पांच फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा आठ फरवरी को होगी।

ईसीआई राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर्स हैं। इसके अलावा, पुरुष मतदाता की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख है और युवा मतदाता की संख्या 25.89 लाख हैं। उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है। इसके अलावा, दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 है।

वहीं, चुनाव की तारीखों की ऐलान करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग खुलकर अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। खासकर देश के युवा खुलकर लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा ले रहे हैं, जो हमें बीते लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सभी युवा चुनावी प्रक्रियाओं में हिस्सा लेकर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव निष्पक्ष हो। हम चुनाव में हर प्रकार की गतिविधियों की विशेष जांच करेंगे, जैसा कि बीते चुनाव में किया था।

उन्होंने आगे कहा कि वोटर लिस्ट में गलत एंट्री के आरोपों को सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। यहां तक कहा गया है कि यह ईवीएम इलेक्शन है। वोटर लिस्ट में नाम काटने की शिकायत की गई। यहां तक की धीमी मतगणना के आरोप भी लगाए गए। लिहाजा हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे, क्योंकि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हम पारदर्शिता के सिद्धांत पर विश्वास रखते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम को लेकर हैक करने के आरोपों में कोई दम नहीं है। कोर्ट ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि ईवीएम से किसी भी प्रकार की छेड़खानी नहीं हो सकती है। लेकिन, ईवीएम पर शक जताकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया गया, जो कि एक लोकतांत्रिक देश में शोभनीय व्यवहार नहीं है। चुनाव के सात आठ दिन पहले ही ईवीएम सील हो जाती है। उसे तैयार कर लिया जाता है। ईवीएम में अवैध वोट की संभावना बिल्कुल भी नहीं है। ईवीएम से चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है, जिस पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। इसमें किसी भी प्रकार का वायरस नहीं आ सकता है। चुनाव में पारदर्शिता की हमारी प्राथमिकता है।