‘इंडिया बनाम भारत’ को वास्तविक मुद्दों से ध्यान ‘भटकाने की चाल’ के रूप में देख रहा विपक्ष

2024 में लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विपक्ष और केंद्र में सत्तारूढ़ दल दोनों अपनी जीत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग तरह

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  • Updated On - September 10, 2023 / 01:32 PM IST

पटना, 10 सितंबर (आईएएनएस)। 2024 में लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विपक्ष और केंद्र में सत्तारूढ़ दल दोनों अपनी जीत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग तरह की बातें गढ़ रहे हैं। चर्चा का ऐसा ही एक मुद्दा है, देश का नाम, जहां सत्तारूढ़ एनडीए का जोर भारत पर है और विपक्षी दल इंडिया यानी भारत (Opposition party India i.e. Bharat) कह रहे हैं।

  • बिहार में विपक्षी नेताओं (Opposition leaders) का मानना है कि यह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की बीजेपी की एक रणनीतिक चाल है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘इंडिया और भारत की चर्चा काफी पुरानी है। यह महाभारत काल से आता है और भारत से शुरू हुआ, फिर भारतवर्ष और अब भारत बन गया। एक आम आदमी कहेगा कि इसका इतिहास बहुत लंबा है, तो क्यों न इंडिया की जगह भारत की ओर रुख किया जाए। लोग कह रहे हैं कि हमारे देश का नाम इंडिया अंग्रेजों ने दिया था, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह नाम सिकंदर के समय से है। भाजपा का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि वह इस मुद्दे का उपयोग वास्तविक मुद्दों को छिपाने के लिए करे। भारत बनाम इंडिया की चर्चा सनातन धर्म के मुद्दे के समान है।”

“नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साढ़े नौ साल में आम लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। बीजेपी शासित मणिपुर में इस वक्त हालात सबसे खराब हैं। मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। वहां असम राइफल्स को तैनात किया गया है। बिहार, पश्चिम बंगाल या झारखंड जैसे गैर बीजेपी शासित राज्यों में कोई घटना होती है तो उसे बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। तिवारी ने कहा, ”भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के कारण ही मणिपुर में हिंसा इतने बड़े स्तर पर पहुंची और अब तक इसका समाधान नहीं हो सका है।”

भारत और इंडिया पर बहस विपक्षी दलों की बेंगलुरु बैठक के बाद शुरू हुई, जहां उन्होंने ‘इंडिया’ नामक अपने गठबंधन की घोषणा की। चूंकि, देश का नाम भी इंडिया है और संविधान में भी इसका उल्लेख इंडिया दैट इज़ भारत है, इसलिए बीजेपी नेता इससे असहज महसूस कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं खासकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की वकालत की। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि जब उन्होंने इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया, तो ऐसा लगा जैसे वह अभी भी अंग्रेजों के गुलाम हैं।

  • जद-यू एमएलसी और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा,“भाजपा के नेताओं ने दावा किया कि भारत का नाम ब्रिटिश शासकों द्वारा दिया गया था, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है। सिकन्दर के समय में उसके सेनापति मेगस्थनीज ने इण्डिया नामक पुस्तक लिखी। पुर्तगाली खोजकर्ता वास्को डी गामा ने इंडिया की खोज की थी और भाजपा नेता कह रहे हैं कि अंग्रेजों ने भारत नाम दिया। ये सभी कवायदें केवल महंगाई, वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, नौकरियों जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हो रही हैं।”

बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार देश के संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है। वे इस समय भारत की वकालत कर रहे हैं और इंडिया को नकार रहे हैं। पिछले दो महीनों में ऐसे बदलाव के लिए क्या हुआ? वे ‘जीतेगा इंडिया’ का नारा लगा रहे थे और अपने दोनों हाथ हवा में लहरा रहे थे। अब क्या हुआ? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित भारत के हमारे नेताओं को आशंका है कि वे संविधान बदल देंगे।

बिहार के एक अन्य मंत्री जयंत राज ने कहा, “भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो नाम बदलने में विश्वास करती है। उन्होंने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज, मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय, दिल्ली के 7 रेस कोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग आदि कर दिया है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे अपनी पार्टी का नाम भी बदल लें। नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सफाए का सामना करना पड़ेगा। “