पटना में तेजस्वी यादव ने किया डांस, युवाओं के साथ बनाए सोशल मीडिया रील

तेजस्वी यादव, जो अपने सिंगापुर से आए भांजे के साथ मरीन ड्राइव घूमने निकले थे, वहां सोशल मीडिया के लिए वीडियो बना रहे कुछ युवा कलाकारों से मिले।

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  • Publish Date - September 2, 2025 / 09:26 PM IST

Viral Video: राजद नेता तेजस्वी यादव को पटना के मरीन ड्राइव एक्सप्रेसवे पर युवा लड़कों के साथ डांस करते और सोशल मीडिया के लिए रील बनाते देखा गया। यह नज़ारा विपक्ष की वोटर अधिकार यात्रा के बाद का था। यह वीडियो उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।

तेजस्वी यादव, जो अपने सिंगापुर से आए भांजे के साथ मरीन ड्राइव घूमने निकले थे, वहां सोशल मीडिया के लिए वीडियो बना रहे कुछ युवा कलाकारों से मिले। युवाओं ने उन्हें शामिल होने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। उन्होंने ट्रेंडिंग डांस मूव्स सीखे और यहां तक कि बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन की स्टाइल भी अपनाई। एक वीडियो में वे ‘लालू बिना चालू ई बिहार ना होई’ गाने पर डांस करते दिखे, जो उनके पिता लालू प्रसाद यादव को समर्पित था।

तेजस्वी अन्य वीडियो में भी नजर आए, जहां उन्होंने डायलॉग बोले और लिप-सिंक किया। बच्चों ने ‘तेजस्वी भैया जिंदाबाद’ के नारे लगाए और तेजस्वी यादव उनके साथ चलते हुए बातचीत करते दिखे।

वीडियो में यह भी दिखा कि वे पुलिस अधिकारियों से मिले और सड़क किनारे चाय पीते हुए युवाओं के साथ गाना गाया और चर्चा की। कुछ क्लिप्स में देखा गया कि लड़के उन्हें डांस स्टेप्स सिखा रहे थे। शुरुआत में वे थोड़ा झिझके, लेकिन जल्द ही स्टेप्स पकड़ लिए।

बाद में उन्होंने अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया और लिखा, “सरलता, सहजता और गरिमा के साथ हम जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर युवाओं की उम्मीदों, आकांक्षाओं और सपनों के साथ कदम से कदम मिलाकर नया बिहार बनाएंगे।”

वोटर अधिकार यात्रा 16 दिन की पदयात्रा थी, जो 17 अगस्त से 1 सितंबर तक चली। इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मिलकर शुरू किया था। यात्रा ने बिहार के 25 जिलों और 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए लगभग 1300 किलोमीटर का सफर तय किया। यह यात्रा सासाराम से शुरू होकर गांधी मैदान, पटना से अंबेडकर पार्क तक पहुंचकर समाप्त हुई।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार में चल रहे विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) के खिलाफ विरोध जताना था। नेताओं का आरोप था कि वंचित तबकों के वास्तविक मतदाताओं को सूची से हटाया जा रहा है और चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर सूची में हेरफेर कर रहा है।