रायपुर, 24 फरवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस (Congress) की स्टीयरिंग कमेटी ने शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव नहीं कराने का फैसला किया। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष को इसके गठन के लिए अधिकृत किया है। कांग्रेस ने कहा है कि करीब 45 नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) चुनाव के मुद्दे पर बात की और सहमति बनी।
पार्टी के प्रभारी महासचिव संचार जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष को नए सीडब्ल्यूसी के गठन के लिए अधिकृत करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। जयराम रमेश ने यह भी बताया कि हम कांग्रेस के संविधान में संशोधन ला रहे हैं, जिसके तहत कमजोर वर्गो, अनूसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्रतिनिधित्व सुरक्षित और सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान किया जाएगा.’ कांग्रेस के संविधान में कार्य समिति का चुनाव कराने या फिर सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को नामित करने के लिए अध्यक्ष को अधिकृत करने का भी प्रावधान है.
चुनाव होने की स्थिति में सीडब्ल्यूसी के कुल 25 सदस्यों में से 12 सदस्यों का चुनाव होता है और 11 सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल का नेता सीडब्ल्यूसी का स्वत: सदस्य होता है. इससे पहले खबर थी कि कांग्रेस के संचालन समिति की बैठक में गांधी परिवार शामिल नहीं होगा. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया था कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं होंगे, जिसमें पार्टी के शीर्ष निकाय, सीडब्ल्यूसी के चुनावों पर चर्चा होगी.
कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं, जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। वहां होने वाले फैसले आज भी इतिहास में याद किए जाते हैं।
हमारे सामने ये मौका है कि नया रायपुर को भी हम इतिहास में इस तरह दर्ज करा दें की आने वाले समय में यह हमें रास्ता दिखाता रहे।#CongressPlenary pic.twitter.com/b6m7W7Uxh8
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 24, 2023
सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फ्री हैंड देना चाहता है और किसी भी तरह से फैसलों को प्रभावित नहीं करना चाहता है. हालांकि, वे अन्य कॉन्क्लेव में भाग लेंगे, जो 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए विचार-मंथन की उम्मीद करता है. एक के बाद एक चुनावों में हार और बदलाव के लिए वर्षों की आंतरिक तकरार व नेताओं के पलायन के बाद, सोनिया गांधी ने अक्टूबर में 137 साल पुराने संगठन की बागडोर मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दिया था.
कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन रायपुर में चल रहा है।