मिशन ‘पाक बेनकाब’ से टीएमसी ने बनाई दूरी, यूसुफ पठान का नाम बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल से वापस लिया

केंद्र सरकार ने जिन सात प्रमुख नेताओं को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए चुना है, उनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, जेडीयू से संजय झा, कांग्रेस से शशि थरूर, द्रमुक से कनिमोई और एनसीपी (शरद पवार गुट) से सुप्रिया सुले शामिल हैं।

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  • Publish Date - May 19, 2025 / 11:38 AM IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) के सीमा पार आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर उजागर करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन ‘पाक बेनकाब’ से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दूरी बना ली है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि उसके सांसद यूसुफ पठान या पार्टी का कोई भी अन्य प्रतिनिधि इस बहुदलीय विदेशी दौरे में शामिल नहीं होगा।

रविवार को टीएमसी ने केंद्र सरकार को यह जानकारी देते हुए कहा कि विदेश नीति केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है और वह इसमें दखल नहीं देगी, लेकिन पार्टी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम में केंद्र के साथ खड़ी रहेगी। टीएमसी ने कहा, “हमारा मानना है कि राष्ट्र सर्वोपरि है और अपने देश की सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हों, उसमें हम केंद्र सरकार का समर्थन करेंगे। हमारे सशस्त्र बलों ने देश को गर्वित किया है और हम उनके हमेशा ऋणी रहेंगे।”

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार के हर उस निर्णय का टीएमसी समर्थन करेगी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना हो। हमें किसी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उसमें कौन जाएगा, यह हर राजनीतिक दल को खुद तय करने का अधिकार है। केंद्र या केंद्र सरकार किसी दल के लिए यह तय नहीं कर सकती कि उसका प्रतिनिधि कौन होगा।”

केंद्र सरकार ने जिन सात प्रमुख नेताओं को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए चुना है, उनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, जेडीयू से संजय झा, कांग्रेस से शशि थरूर, द्रमुक से कनिमोई और एनसीपी (शरद पवार गुट) से सुप्रिया सुले शामिल हैं।

केंद्र का यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रमाण प्रस्तुत करेगा और वैश्विक समर्थन जुटाने की कोशिश करेगा। वहीं, टीएमसी का यह निर्णय इस अभियान को लेकर विपक्षी एकता की चुनौती को भी उजागर करता है।