भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? ध्यान इन तीन दिग्गजों पर टिक गया है

By : dineshakula, Last Updated : June 7, 2025 | 12:43 pm

दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब संगठनात्मक मामलों पर ध्यान केंद्रित करने जा रही है, खासकर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अंदरूनी स्तर पर चर्चा शुरू हो चुकी है और प्रक्रिया जून के मध्य से शुरू हो सकती है।

पार्टी संविधान के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राज्य स्तर पर संगठनात्मक चुनाव कराना जरूरी होता है, जिसे अधिकांश राज्यों में पूरा कर लिया गया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में 70 ज़िलाध्यक्षों की घोषणा के बाद यह संकेत मिला है कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही इस पद पर फैसला ले सकता है। हालांकि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण इस प्रक्रिया में थोड़ी देर हुई।

इससे पहले पार्टी कुछ प्रमुख राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकती है। उत्तर प्रदेश में पहले ब्राह्मण चेहरे की चर्चा थी, लेकिन अब पार्टी के भीतर ओबीसी नेता की मांग तेज हो गई है। यह बदलाव हालिया चुनावी रुझानों के मद्देनज़र ओबीसी समर्थन को और मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

मध्य प्रदेश में वर्तमान में ओबीसी मुख्यमंत्री और ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष का संतुलन काम कर रहा है, लेकिन पार्टी अब यहां एक आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, ताकि आदिवासी समुदाय को बेहतर प्रतिनिधित्व मिल सके।

उत्तराखंड में ब्राह्मण नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि इस पर अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

इसी के साथ भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए संभावित नामों की चर्चा भी तेज हो गई है।

पहला नाम केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का है, जो ओडिशा से आते हैं और पार्टी के एक प्रभावशाली ओबीसी नेता माने जाते हैं। संगठन पर उनकी मजबूत पकड़ और केंद्रीय नेतृत्व से नजदीकी उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।

दूसरे दावेदार शिवराज सिंह चौहान हैं, जो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब केंद्रीय मंत्री हैं। उनके पास जमीनी अनुभव और जनसमर्थन दोनों है, जिससे वे राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं।

तीसरे संभावित नाम मनोहर लाल खट्टर का है, जो हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से केंद्र में आए हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और निरंतरता का प्रतीक होना उन्हें इस दौड़ में एक अहम विकल्प बनाता है।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी का अंतिम फैसला संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।

वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जनवरी 2020 से इस पद पर हैं। उनका कार्यकाल 2024 के आम चुनाव तक बढ़ाया गया था, जिसे अब पूरा कर लिया गया है। ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है। यह भी साफ नहीं है कि नड्डा एक और पूर्णकालिक कार्यकाल चाहेंगे या पार्टी किसी नए चेहरे को मौका देगी।

केंद्रीय चुनाव समिति के गठन की संभावना है जो इस चुनावी प्रक्रिया को देखेगी, जिसमें नामांकन, जांच और जरूरत पड़ने पर मतदान शामिल होगा।

विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, भी इन घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। नया अध्यक्ष 2026 के राज्य चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी की रणनीति तय करेगा।