रायपुर/भिलाई। महात्मा गांधी कला मंदिर में आयोजित एक गरिमामय समारोह में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लोकजागरण के लिए प्रदत्त वसुंधरा सम्मान (Vasundhara Samman) से प्रदेश के ख्यातिलब्ध पत्रकार, लेखक एवं दैनिक भास्कर संपादक डॉ. विश्वेश ठाकरे (Dainik Bhaskar Editor Dr. Vishwesh Thackeray) को सम्मानित किया। स्व. देवी प्रसाद चौबे की 48 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 24 वां वर्ष था जिसमें प्रदेश के जाने-माने पत्रकार लेखक एवं प्रबुद्धजन मौजूद रहे। समारोह का आयोजन लोकजागरण की संस्था वसुंधरा के द्वारा संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन एवं बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन के सहयोग से किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में पत्रकारिता का अमूल्य योगदान है | वसुंधरा सम्मान के माध्यम से देश में पत्रकार और साहित्याकारों की पहचान पूरे देश में हो रही है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सम्मान और छत्तीसगढ़ की आयु 24 वर्ष हो गई है। उन्होंने स्वंत्रता पूर्व और बाद की पत्रकारिता का जिक्र करते हुए पत्रकारिता से राजनीति में आने वाले दिवंगत चंदूलाल चंद्राकर, मोतीलाल वोरा, श्रीकांत वर्मा और चंद्रशेखर साहू की राजनीतिक निष्ठा और पवित्रता की चर्चा की।
जायसवाल ने कहा कि वसुंधरा सम्मान के साथ मेरा रिश्ता उतना ही पुराना है जितना कि भिलाई के साथ है। सांस्कृतिक दृष्टि से यह शहर उतना हीं विकसित है, जितना कि देश के अन्य प्रसिद्ध शहर । उन्होंने विश्वेश ठाकरे की पत्रकारिता के सम्बन्ध में कहा कि उनकी भाषा पत्रकारिता से कहीं अधिक साहित्य की है। उन्हें यह सम्मान दिया जाना सही मायनों में साहित्य और पत्रकारिता दोनों का सम्मान है। उन्होंने वसुंधरा सम्मान हेतु अपने सम्मान के लिए की गई प्रतीक्षा का भी जिक्र किया।
मुख्य वक्ता के तौर पर समारोह को संबोधित करते हुए प्रतिष्ठित संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र राजनीतिक पत्रकारिता हैँ। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के कई स्वरुप है, क्या पेरिस ओलम्पिक में रही राजनीति को खेल पत्रकारों के लिए छोड़ दिया जाये ? उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत जोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की परिधि में राजनीतिक शुचिता का परिचायक है। वर्तमान राजनीति में दलपक्षीय नहीं जनपक्षीय भाव होना चाहिए। सच्ची पत्रकारिता का अर्थ कड़वी बात कहना नहीं अपितु सत्य कहना होना चाहिए। उन्होंने कबीर के हवाले से पत्रकारिता, पत्रकार और पाठक के रिश्तों पर बेबाक चर्चा की।
समारोह में 9 वें वसुंधरा सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध को जीवन के 75 वर्ष और पत्रकारिता के 50 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। आयोजकीय वक्तव्य विनोद मिश्र ने दिया।
समारोह का संचालन डॉ. महेश शर्मा ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने किया प्रशस्ति पत्र का वचन श्रीमती श्वेता उपाध्याय ने किया। समारोह में मासिक पत्रिकाओं कृति बहुमत, कृति वसुंधरा के नए अंक तथा श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के सामाजिक फोल्डर 2024 का लोकार्पण भी अतिथियों के द्वारा किया गया।
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