दुबे के कन्कशन सब्सटीट्यूट के तौर पर उपयुक्त विकल्प नहीं थे राणा : बटलर

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  • Updated On - February 1, 2025 / 01:20 PM IST

पुणे, 1 फरवरी (आईएएनएस)। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चौथे टी20 में हर्षित राणा को शिवम दुबे के कन्कशन सब्सटीट्यूट (Shivam Dubey’s concussion substitute) के तौर पर इस्तेमाल किए जाने पर इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर (Jos buttler) ने कहा कि राणा दुबे के उपयुक्त विकल्प नहीं थे। उस समय टेलीवीज़न पर कॉमेंट्री कर रहे निक नाइट और केविन पीटरसन ने भी दुबे की जगह राणा को रिप्लेस किए जाने पर आपत्ति जताई। 34 गेंद पर 53 रनों की पारी खेलने वाले दुबे को दो बार हेलमेट पर चोट लगी और वह भारत की गेंदबाज़ी के दौरान फ़ील्ड पर नहीं आए।

भारत की शुक्रवार को 15 रनों की जीत के बाद बटलर ने कहा, “यह लाइक फ़ोर लाइक रिप्लेसमेंट नहीं है, हम इससे सहमत नहीं हैं। या तो दुबे ने अपनी गेंद की गति 25 मील प्रति घंटा बढ़ा ली है या फिर राणा ने वास्तव में अपनी बल्लेबाज़ी में काफ़ी सुधार कर लिया है। हालांकि यह खेल का हिस्सा है और हमें जीत के लिए जाना चाहिए था लेकिन हम इस निर्णय से सहमत नहीं हैं।

“हमसे इस फ़ैसले के बारे में पूछा नहीं गया। जब मैं बल्लेबाज़ी करने आया तब मैं यही सोच रहा था कि राणा किसकी जगह पर आए हैं। उन्होंने बताया कि वह कन्कशन के तौर पर आए हैं और मैं इससे ज़ाहिर तौर पर असहमत था। मुझे बताया गया कि यह निर्णय मैच रेफ़री ने लिया है। हम इस पर कुछ कहना नहीं चाहते लेकिन हम इस पर स्पष्टता पाने के लिए जवागल (श्रीनाथ) से ज़रूर बात करेंगे। जैसा कि मैंने कहा कि यह हमारे हारने का इकलौता कारण नहीं था। लेकिन हम बस इस पर स्पष्टता चाहते हैं।”

दुबे जब बल्लेबाज़ी के लिए आए तब भारत 57 के स्कोर पर चार विकेट गंवा चुका था। और इसके बाद दुबे और हार्दिक पांड्या के बीच छठे विकेट के लिए हुई 87 रनों की साझेदारी की बदौलत भारत 9 विकेट के नुक़सान पर 181 रन बनाने में सफल रहा। पारी की दूसरी अंतिम गेंद पर जेमी ओवर्टन की 141 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ़्तार की गेंद दुबे के हेलमेट पर जा लगी। भारत के पास दुबे के विकल्प के तौर पर रमनदीप सिंह का विकल्प मौजूद था जो कि दूसरी पारी में वरुण चक्रवर्ती की जगह फ़ील्डिंग करने भी आए थे।

पीटरसन ने ऑन एयर कहा, “राणा किसी भी हालत में दुबे का विकल्प नहीं हो सकते। दुबे प्रमुख रूप से तेज़ गेंदबाज़ नहीं हैं जबकि राणा हैं। आप दुनिया में किसी भी व्यक्ति से जाकर पूछिए वो यही कहेगा।”

भारत के सहायक कोच मोर्न मोर्कल ने कहा, “शिवम जब पारी के समाप्त होने के बाद आए तो उन्हें काफ़ी सिरदर्द हो रहा था। हमने मैच रेफ़री के समक्ष नाम दिया और उन्होंने स्वीकार कर लिया। उस समय हर्षित डिनर कर रहे थे इसलिए हमें जल्द से जल्द उन्हें तैयार करना था ताकि वह फ़ील्ड पर जा सकें। एक बार मैच रेफ़री को नाम दिए जाने पर चीज़ें हमारे हाथ से निकल जाती हैं और फिर निर्णय मैच रेफ़री को लेना होता है।”

राणा ने मैच के बाद कहा, “चेज़ के दौरान दो ओवर होने के बाद मुझे पता चला कि मैं गेंदबाज़ी करने वाला हूं। मैं इस पल का काफ़ी समय से इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मैं ख़ुद को साबित करना चाहता था। मुझे आईपीएल में डैथ में गेंदबाज़ी करने का अनुभव था और मैंने उसका भरपूर इस्तेमाल किया।”