डब्ल्यूएफआई ने मंत्रालय को भेजे एक जवाब में शनिवार को कहा,”डब्ल्यूएफआई अपने संविधान के अनुसार एक चुनी हुई संस्था है, इसलिए अध्यक्ष सहित किसी के द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमाने रवैये और कुप्रबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता।”जवाब में कहा गया है, “डब्ल्यूएफआई ने अपने मौजूदा अध्यक्ष के तहत पहलवानों के हितों का हमेशा पूरा ध्यान रखा है। डब्लूएफआई ने कुश्ती खेल की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साख बढ़ाई है और यह डब्ल्यूएफआई के निष्पक्ष, सहयोगी, साफ-सुथरे और कड़े प्रबंधन के बिना संभव नहीं हो पाता।”
जवाब में कहा गया है कि जहां तक यौन शोषण के आरोपों की बात है तो महासंघ ने पहले से ही यौन शोषण समिति बनायी हुई है जिसमें जाने-माने पहलवान शामिल हैं। इस समिति के बारे में जानकारी महासंघ की वेबसाइट/पोर्टल पर उपलब्ध है। पीड़ित व्यक्ति/पहलवान अपनी शिकायत के निवारण के लिए समिति से संपर्क कर सकता है। लेकिन प्रदर्शनकारियों/पहलवानों द्वारा बतायी गयी कोई भी शिकायत अभी तक नहीं मिली है। महासंघ ने जवाब में कहा कि प्रदर्शनकारियों/पहलवानों का धरने पर बैठकर अपनी बात कहने का तरीका और प्रेस कॉन्फ्रेंस करना एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगता है।