रायपुर। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा की सीटों (Chhattisgarh 11 Lok Sabha seats) पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। उनके जनसंपर्क और नामांकन रैलियों का सिलसिला चलेगा। लेकिन एक बात तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जोड़ी ने बहुत ही सधे हुए अंदाज में बीजेपी के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।
- मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने उम्मीदवारों के नामों का पहले ऐलान कर सियासी माइलेज हासिल कर लिया है। अब लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है, जहां BJP के लोकसभा प्रभारी नितिन नबीन का तूफानी दौरा है। इस उनके हाथ में लोकसभा चुनाव की कमान है। जिसे लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव का कहना है, हम उनके मार्गदर्शन में पीएम मोदी के मिशन 400 पार के साथ छत्तीसगढ़ में 11 की 11 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
- आइए डालते सभी के लोकसभा चुनाव में मैदान में बीजेपी के उतरने वाले सियासी महारथियों के राजनीतिक सफरनामे की एक झलक।
दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल को टिकट
दुर्ग लोकसभा सीट से पार्टी आलाकमान ने विजय बघेल को टिकट दिया है। विजय बघेल विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े थे। जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं. विजय बघेल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भतीजे हैं. दुर्ग लोकसभा सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल सीट रही है। दुर्ग सीट को हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में हमेशा कांटे की टक्कर हुई है।
- साल 2000 में वह नगर पालिका निगम चरोदा के प्रथम अध्यक्ष बने थे। भूपेश बघेल के रिश्तेदार होने के साथ साथ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल के खिलाफ विजय बघेल को पार्टी ने उतारा था. जिसमें कड़ी टक्कर के बाद भूपेश बघेल को जीत मिली थी। दुर्ग लोकसभा के लिए एक बार फिर पार्टी ने सांसद विजय बघेल पर भरोसा जताया है।
- आपको बता दें कि विजय बघेल ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विजय बघेल को घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
राजनांदगांव लोकसभा सीट से संतोष पांडेय को टिकट
राजनांदगांव लोकसभा सीट से बीजेपी ने संतोष पांडेय को मौका दिया है. पार्टी ने सांसद संतोष पांडेय के कामों को देखते हुए उनको रिपीट किया है। सांसद संतोष पांडेय के बारे में कहा जाता है कि उनकी पार्टी पर पकड़ जबरदस्त है। संगठन को एकजुट करने और संगठन को रिचार्ज करने की उनमें गजब की क्षमता है। पार्टी के कई ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिनको संतोष पांडेय नाम से जानते हैं। राजनीति में कम ही ऐसे नेता या सांसद होते हैं, जो कार्यकर्ताओं को उनके नाम से पुकारते हों।
- 17वीं लोकसभा 2019 में पहली बार सदन पहुंचे थे। संतोष पाण्डेय की आरएसएस में अच्छी पकड़ है। बीजेपी कवर्धा मंडल के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। संतोष पाण्डेय दो बार प्रदेश बीजेपी में महामंत्री के साथ कृषि उपज मंडी कवर्धा के अध्यक्ष भी रहे हैं। संतोष पाण्डेय को रमन शासन के दूसरे कार्यकाल में छत्तीसगढ़ युवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था. साल 2003 विधानसभा चुनाव लड़ा,लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं. बीजेपी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक रह चुके हैं। स्वर्गीय शिवप्रसाद पाण्डेय सहसपुर लोहारा मंडल के दो बार बीजेपी अध्यक्ष रहे। इनकी माता अविभाजित मध्यप्रदेश में कवर्धा जिले में जो बार जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थीं।
रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने बृजमोहन अग्रवाल टिकट दिया है. वर्तमान समय में बृजमोहन छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल संसदीय कार्य मंत्री के रुप में पार्टी का काम कर रहे हैं. बृजमोहन को टिकट देकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया है. खुद बृजमोहन अग्रवाल को भी उम्मीद नहीं थी कि उनको लोकसभा का टिकट मिलेगा. बृजमोहन अग्रवाल का सियासी करियर काफी लंबा रहा है. 1990 से वो रायपुर दक्षिण सीट से जीतते आ रहे हैं. साल 2003 और 2005 के बीच वो छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
- रायपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल आठवीं बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. छत्तीसगढ़ कैबिनेट में चौथी बार मंत्री पद की शपथ लेने वाले बृजमोहन अग्रवाल का जन्म एक मई 1959 को रायपुर में हुआ था. काॅमर्स और आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन, एलएलबी की डिग्री भी ली है. साल 1986 में इनकी शादी सरिता देवी अग्रवाल से हुई. इनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. बृजमोहन रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं.साल 1990 को महज 31 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे. छात्र जीवन से ही इन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी.1984 में वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने.1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री रहे। 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बने. इसके बाद से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में वे लगातार विधायक बनते आ रहे हैं।
महासमुंद लोकसभा सीट से रुपकुमारी चौधरी को टिकट
महासमुंद लोकसभा सीट से पार्टी ने रुप कुमारी चौधरी को टिकट दिया है। रुप कुमारी चौधरी 2013 से 2018 तक बसना विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। रुप कुमारी चौधरी 20215 से लेकर 2018 तक संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। रुप कुमारी के बारे में कहा जाता है कि वो जब विधानसभा की सदस्य रहीं तब उनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही. विधानसभा के पटल पर उन्होंने 2013 से 2018 के बीच अपने क्षेत्र की 80 से ज्यादा समस्याओं को उठाया।
कांकेर लोकसभा सीट से भोजराज नाग को टिकट
- BJP आलाकमान ने भोजराज नाग को कांकेर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। भोजराज नाग लंबे वक्त से बस्तर में बीजेपी का झंडा बुलंद करने वालों में शामिल रहे हैं। नक्सलियों ने कई बार उनको जान से मारने की धमकी दी. नक्सलियों की धमकी को नजरअंदाज कर भोजराज नाग लगातार पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे. फिलहाल भोजराज नाग अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक पद का काम देख रहे हैं। बस्तर में चल रहे धर्म परिवर्तन को लेकर भी भोजराज नाग ने अपनी आवाज कई मंचों पर बुलंद की है।
कोरबा लोकसभा सीट से सरोज पांडेय
कोरबा लोकसभा सीट बीजेपी के लिए इस बार प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। कोरबा लोकसभा सीट पर पिछली बार चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत ने जीती थी। बीजेपी आलाकमान ने इस बार सरोज पांडेय को टिकट देकर मुकाबले को जोरदार बना दिया है। सरोज पांडेय की गिनती तेज तर्रार महिला नेता के तौर पर होती है। विधानसभा चुनाव के दौरान सरोज पांडेय का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में था। सरोज पांडेय केंद्रीय नेतृत्व के साथ लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैं।
- पहली बार वर्ष 2000 और 2005 में दो बार दुर्ग की मेयर चुनीं गईं। वर्ष 2008 में पहली बार वैशाली नगर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। बीजेपी ने साल 2009 के आम चुनाव में दुर्ग से उतारा,जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। साल 2013 में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा. लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से हार गईं. हार के बावजूद बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव बनीं और मार्च 2018 में राज्यसभा के लिए चुना गया. एक ही समय में मेयर, विधायक और सांसद का पद संभालने का अनूठा विश्व रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सरोज पाण्डेय का नाम शामिल है. इसके अलावा लगातार 10 वर्षों तक दुर्ग से मेयर रहकर सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी सरोज पाण्डेय ने बनाया है।
सरगुजा लोकसभा सीट से चिंतामणि महाराज को टिकट
सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी ने चिंतामणि महाराज को टिकट देकर राज्य के नेतृ्त्व को भी चौंका दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले ही चिंतामणि महाराज कांग्रेस से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हुए थे। चिंतामणि महाराज इसी शर्त पर बीजेपी के पाले में आए थे। कांग्रेस में पार्टी में रहने से पहले चिंतामणि महाराज बीजेपी में हुआ करते थे। चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक बीजेपी सरकार में छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
- साल 2011 में महाराज ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने चिंतामणि महाराज से वादा किया था कि वो पार्टी में आएंगे तो उनको लोकसभा का टिकट दिया जाएगा। सरगुजा लोकसभा सीट में गोंड जनजाति के वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। कंवर जनजाति के वोटरों की भी यहां अच्छी खासी संख्या है. माना जाता है कि चिंतामणि महाराज की पकड़ इन दोनों जनजातियों पर है। महाराज की संत गहिरा गुरु आश्रम से बड़ी संख्या में सरगुजा के लोग जुड़े हैं। महाराज को टिकट देकर पार्टी ने इस सीट को पूरी तरह से बीजेपी के लिए सेफ कर दिया है।
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से कमलेश जांगड़े
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से पार्टी ने कमलेश जांगड़े को मौका दिया है. कमलेश जांगड़े को तेज तर्रार महिला नेता माना जाता है. कमलेश जांगड़े जांजगीर चांपा सहित सक्ती जिले में संगठन की सबसे प्रभावी नेताओं में गिनी जाती हैं. पार्टी में वो महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पद पर हैं. भूपेश बघेल सरकार में उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर उनकी नाक में दम कर दिया था।
- कमलेश साल 2005 से जनवरी 2015 तक दो पंचवर्षीय कार्यकाल में ग्राम पंचायत मसनियां कला से सरपंच रह चुकी हैं. पहली बार सरपंच कार्यकाल में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिले में सर्वश्रेष्ठ सरपंच का सम्मान कलेक्टर ने कमलेश को सौंपा था। साल 2002 में विधार्थी परिषद संयोजक का दायित्व संभाला था. साल 2015 से 2020 तक प्रदेश महिला मोर्चा में विशेष आमंत्रित सदस्य और प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा सदस्य के रूप में दायित्व संभाला.साल 2015 से 2020 तक सरगुजा जिला में जिला प्रभारी का दायित्व मिला. साल 2020 से बीजेपी जिला उपाध्यक्ष जांजगीर-चांपा का दायित्व मिला।
रायगढ़ लोकसभा सीट से राधेश्याम राठिया को टिकट
भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता रहे राधेश्याम राठिया को पार्टी ने एसटी आरक्षित सीट रायगढ़ से लोकसभा का टिकट दिया है. राठिया बीजेपी किसान मोर्चा का लंबे वक्त तक काम देखते रहे हैं। किसानों को एकजुट करने में राधेश्याम राठिया को महारत हासिल है। राठिया दो बार जिला और जनपद सदस्य भी रह चुके हैं। राठिया ने पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत की थी। महज 24 सालों के भीतर पार्टी ने उनको प्रतिभा को देखते हुए उनको इतना बड़ा मौका दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने राधेश्याम राठिया नाराज भी थे लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए विधानसभा में जीन जान से मेहनत की। पार्टी ने विधानसभा की कसर लोकसभा का टिकट देकर पूरी दी है।
- राधेश्याम का जन्म 12 जून 1972 को हुआ था।12वीं तक की पढ़ाई करने वाले राधेश्याम घरघोड़ा, धरमजयगढ़ के रहने वाले हैं. वर्तमान में राधेश्याम जिला महामंत्री, बीजेपी किसान मोर्चा जिला रायगढ़ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसके अलावा जिला सह संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच और लघु वनोपज समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को टिकट
बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को बीजेपी ने टिकट दिया है। तोखन साहू बिलासपुर के लोरमी सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं। लोरसी सीट से विधायक होने अलावा वो संसदीय सचिव के पद की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। तोखन साहू फिलहाल भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं। तोखन साहू के बारे में कहा जाता है कि ये वोटरों की नब्ज पहचानते हैं। किसानों के बीच तोखन साहू की अच्छी पकड़ है। बिलासपुर लोकसभा सीट पर साहू समाज की संख्या काफी है। पार्टी ने साहू समाज के वोटरों को अपनी ओर करने के लिए तोखन साहू को मौका दिया है।
- तोखन साहू का जन्म 15 अक्टूबर 1969 को मुंगेली में हुआ। पिता का नाम बलदाउ साहू और माता का नाम लीलावती साहू है.तोखन ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.लोरमी विधानसभा से तोखन को पहली बार 2013 बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था। जिसमें तोखन ने कांग्रेस प्रत्याशी धरमजीत सिंह को हराया था. साल 2014-15 में महिलाओं और बच्चों के कल्याण संबंधित समिति के सदस्य के तौर पर तोखन को जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा तोखन छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सदस्य भी रहे. 2015 में छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव का पद भी संभाला. तोखन साहू वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हैं।
बस्तर लोकसभा सीट से महेश कश्यप को टिकट
बस्तर लोकसभा सीट जो कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. पार्टी ने बस्तर सीट से महेश कश्यप को टिकट दिया है. महेश कश्यप लंबे वक्त से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। बस्तर में आरएसएस के लिए वो काम भी करते रहे हैं। वनवासियों और आदिवासियों की बीच उनकी अच्छी पकड़ है। धर्मांतरण के खिलाफ महेश लंबे वक्त से बस्तर में आंदोलन चला रहे हैं. बस्तर में सांस्कृतिक सुरक्षा मंच के तहत वो धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन तो चलाया ही साथ ही पदयात्रा भी निकाली। संघ की अनुषांगिक ईकाइयों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। महेश कश्यप वर्तमान में बस्तर में बीजेपी अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं।
- वर्तमान में महेश कश्यप सरपंच संघ के अध्यक्ष के अलावा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं। महेश सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. महेश कश्यप ने धर्मांतरण के विरोध में आया चोर द्वार कार्यक्रम चलाकर सुर्खियां बटोरी थी. महेश कश्यप 1996 से 2001 तक बजरंग दल के जिला संयोजक रहे. इसके बाद 2001 से 2007 तक विश्व हिंदू परिषद जिला संगठन मंत्री और 2007 से 2008 तक विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री बने. 2014 में पंचायत चुनाव जीतकर महेश ग्राम पंचायत कलचा के सरपंच भी बने. सरपंच चुनाव जीतने के बाद उन्हें बस्तर सरपंच संघ अध्यक्ष बनाया गया। महेश कश्यप छत्तीसगढ़ सरपंच महासंघ के सह संयोजक और भतरा समाज विकास परिषद के संभागीय सचिव का जिम्मा भी संभाल चुके है।
यह भी पढ़ें : दलाली करने वाले जा रहे सरकार के साथ : दिग्विजय