रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बहुचर्चित शराब घोटाला (Liquor scam) मामले में नया मोड़ आया है जब प्रमुख आरोपी सौम्या चौरसिया की पुलिस रिमांड आज समाप्त हो रही है और उन्हें फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें पूछताछ के लिए कुछ दिनों के लिए ED की कस्टडी में भेजा था।
सौम्या चौरसिया राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान मुख्य सचिव कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में कार्य कर चुकी हैं। ED का दावा है कि शराब घोटाले की जांच में उनके खिलाफ डिजिटल और वित्तीय सबूत मिले हैं जिनके आधार पर उन्हें रिमांड पर लिया गया था ताकि उनसे और गहन पूछताछ की जा सके।
यह शराब घोटाला लगभग 3200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें अधिकारियों और व्यापारियों के बीच मिलीभगत के माध्यम से राजस्व को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में पहले से कई अन्य बड़े नाम भी जांच के दायरे में हैं, जैसे कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, और पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल।
आज सौम्या चौरसिया की ED रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें विशेष PMLA अदालत में फिर पेश किया जाएगा, जहां एजेंसी संभवत: उनसे आगे की पूछताछ और नए साक्ष्यों की मांग करेगी। अगर अदालत पुनः कस्टोडियल रिमांड देती है तो ED को और जांच के अवसर मिलेंगे। यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासनिक घोटालों के खिलाफ अधिकारियों की कार्रवाई के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जांच टीम ने यह भी संकेत दिए हैं कि इस घोटाले में शामिल वित्तीय लेन-देन और नेटवर्क बहुत व्यापक है, जिससे आगे नए खुलासे होने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के बड़े आर्थिक अपराध मामलों में रिमांड और पूछताछ से महत्वपूर्ण सबूत मिलने की उम्मीद रहती है।