इंदौर: इस दशहरा इंदौर (Indore) में परंपरा से अलग हटकर एक अनोखा आयोजन होने जा रहा है। हर साल की तरह इस बार रावण नहीं जलेगा, बल्कि उसकी जगह 11 मुखों वाली ‘कलयुगी शूर्पणखा’ का दहन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है ‘पौरुष’ नाम की संस्था, जो पत्नी पीड़ितों के मुद्दों पर काम करती है।
संस्था का मानना है कि समाज में बुराई केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है, महिलाओं के रूप में भी ऐसी शक्तियां मौजूद हैं जो रावण से कम नहीं। इसी सोच के तहत, इस बार शूर्पणखा के बहाने 11 ऐसी महिलाओं के चेहरे पुतले पर दर्शाए जाएंगे, जिनके अपराध समाज को झकझोर चुके हैं।
इन 11 मुखों में सोनम रघुवंशी से लेकर चमन उर्फ गुड़िया तक, हर वह महिला शामिल है जिसने धोखाधड़ी, हत्या, ब्लैकमेल, तस्करी या ठगी जैसे संगीन अपराध किए हैं। पुतले के केंद्र में सोनम रघुवंशी की तस्वीर होगी, जो इंदौर में पति की हत्या की साजिश के चलते सुर्खियों में आई थीं।
‘पौरुष’ संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा के मुताबिक, इस आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर भर में पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं, ऑडियो अनाउंसमेंट चल रहे हैं और लोगों को इस आयोजन में शामिल होने का न्योता दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के दिन एक भव्य जुलूस महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड से शुरू होकर बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे तक निकाला जाएगा। इसमें ‘शूर्पणखा’ और उसकी ‘सेना’ भी शामिल रहेगी। इसके बाद शाम 6.30 बजे महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पर इस 11 मुखों वाली प्रतीकात्मक पुतले का दहन किया जाएगा।
संस्था का मानना है कि बुराई किसी भी रूप में हो, उसका अंत होना चाहिए। इसलिए दशहरे जैसे पर्व पर समाज को यह संदेश देना ज़रूरी है कि आज के दौर में भी कई ऐसे चेहरे हैं जो रावण से कम नहीं, और उनके खिलाफ भी आवाज़ उठाना जरूरी है।
इस आयोजन में रघुवंशी समाज और राजा रघुवंशी का परिवार भी शामिल रहेगा। आयोजन को लेकर इंदौर में चर्चा जोरों पर है और लोगों में इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है।