दिल्ली । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने पत्र भेजकर लिखा, आदरणीय खड़गे जी, (Kharge) आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने failed product को एक बार फिर से polish कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गाँधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।
खड़गे जी, चूंकि आपने अपने पत्र में selective तरीके से बात केवल राहुल गाँधी को लेकर की, इसलिए में उसी से अपनी बात की शुरुआत करना चाहूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गाँधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?
ये राहुल गाँधी की माताजी सोनिया गाँधी ही थी न खड़गे जी जिन्होंने मोदी जी के लिए मौत का सौदागर’ जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे। क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गाँधी ने सरेआम मोदी की छवि को खराब कर देंगे वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे जी? मैं ये समझता हूँ खड़गे जी कि अपने नित्य निरंतर failed product का बचाव करना और उसे महिमामंडित करना आपकी मजबूरी है लेकिन कम से कम कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आपको इन चीजों पर आत्ममंधन भी तो करना चाहिए था।
खड़गे जी, बड़े दुःख की बात है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब अपने नामदार युवराज के दवाब में ‘copy & paste’ वाली पार्टी बन कर रह गई है। राजनीतिक लोलुपता की पराकाष्ठा करते हुए अब राहुल गाँधी वाले दुर्विकार कांग्रेस पार्टी भी अंगीकार करने लगी है और विडंबना यह भी कि वह उससे ही अपने आपको अलंकृत भी महसूस करने लगी है। कांग्रेस एंड कंपनी के नेताओं ने पिछले 10 सालों में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को 110 से अधिक गालियाँ दी हैं और दुर्भाग्य की बात यह भी है कि इसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है। तब क्यों राजनीतिक शुचिता, मर्यादा, अनुशासन, शिष्टाचार जैसे शब्द आपकी और कांग्रेस की dictionary से गायब हो जाते हैं? एक तरफ आप राजनीतिक शुचिता की दुहाई दे रहे हैं लेकिन दूसरी ओर आपकी पार्टी और आपके नेताओं का इतिहास ही राजनीतिक शुचिता की धज्जियाँ उड़ाने का रहा है। ऐसा दोहरा रवैया क्यों?
खड़गे जी, क्या-क्या नहीं कहा गया आपके नेताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के लिए? कभी कहा गया मोदी तेरी कब्र खुदेगी, कभी कहा गया गया नीच, कभी ‘कमीना’, कभी ‘मौत का सौदागर, कभी जहरीला सांप, कभी बिच्छू, कभी ‘चूहा’, कभी ‘रावण, कभी भस्मासुर, कभी नालायक’, कभी ‘कुत्ते की मौत मरेगा, कभी मोदी को जमीन में गाड़ देंगे, कभी ‘राक्षस’, कभी ‘दुष्ट’, कभी ‘कातिल, कभी हिंदू जिन्ना, कभी जनरल डायर’, कभी ‘मोतियाबिंद का मरीज, कभी ‘जेबकतरा, कभी गंदी नाली, कभी काला अंग्रेज, कभी कायर, कभी ‘औरंगजेब का आधुनिक अवतार, कभी दुर्योधन, कभी हिंदू आतंकवादी’, कभी ‘गदहा, कभी नामर्द, कभी चौकीदार चोर है।
कभी तुगलक’, कभी ‘मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे, कभी साता मोदी, कभी नमक हराम, कभी गंवार, कभी निकम्मा। यहाँ तक कि उनके माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया। आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया। इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर में ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?
खड़गे जी. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी पर किस बात का गर्व करती है? इसलिए कि वे पाकिस्तान परस्त भारत विरोधी लोगों के साथ गलबहियां करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों के समर्थन वाले कार्यक्रम में जाकर खड़े हो जाते हैं? इसलिए कि वे देश की तोड़ने वाली ताकतों से समर्थन मांगते हैं या इसलिए कि वे विदेशी ताकतों से देश के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की मांग करते हैं? इसलिए कि वे देश में आरक्षण और जाति की राजनीति कर एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काते हैं या इसलिए कि वे विदेशी धरती पर जाकर आरक्षण को खत्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक़ छीनने की मंशा जाहिर करते हैं। इसलिए कि वे जम्मू-कश्मीर की शांति के खिलाफ विषवमन करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों की रिहाई, पाकिस्तान से बातचीत, पाकिस्तान के साथ व्यापार और धारा 370 को फिर से लाने का समर्थन करते हैं? इसलिए कि वे हिंदू को पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी बड़ा खतरा बताते हैं या इसलिए कि वे बार-बार हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हैं? इसलिए कि वे सेना के जवानों की वीरता के सबूत मांगते हैं या इसलिए कि वे जवानों की वीरता को ‘खून की दलाली’ के संशा देते हैं? इसलिए सिख भाइयों की पगड़ी और कड़े पर विवादास्पत बयान देते हैं? ऐसे में आपका पत्र लिखना कांग्रेस के स्पष्ट दोहरे मानदंड को उजागर करता है कि नहीं?
खड़गे जी, राहुल गांधी के अतिरिक्त सैम पित्रोंदा से लेकर इमरान मसूद तक, के सुरेश से लेकर दिग्विजय सिंह तक, शशि थरूर से लेकर पी चिदंबरम और सुशील शिंदे तक, आपके नेताओं ने देश को बदनाम करने के लिए क्या-क्या नहीं किया? उत्तर को दक्षिण से लड़ाना, एक समाज को दूसरे के खिलाफ भड़काना यही तो कांग्रेस का परिचय हो गया है। आपके नेताओं के कार्यक्रम में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं तो देशविरोधी ताकतों का महिमामंडन होता है। तब क्यों आपको पत्र लिखने का ख़याल नहीं आता?
खड़गे जी, भारत के महान लोकतंत्र को सबसे अधिक अपमानित और तांछित पदि किसी ने किया है, तो वह केवल और केवल कांग्रेस पार्टी है, ये आप भलीभांति जानते और समझते हैं। ये कांग्रेस ही है जिसने देश पर आपातकाल थोपा, ट्रिपल तलाक का समर्थन किया, सभी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम किया और उसे कमजोर किया। आप तो अच्छी तरह से जानते हैं खड़गे जी कि किसने कहा था इस देश के संसाधनों पर पहला हक एक वर्ग विशेष का है? आप यह भी जानते हैं कि कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों में कैसे दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक मारा जा रहा है। इसलिए खड़गे जी, आपके नेता राहुल गाँधी द्वारा संचालित सत्ता स्वार्थ में डूबी कांग्रेस पार्टी की कथित मुहब्बत की दुकान में जो प्रोडक्ट बेचा जा रहा है, वह जातिवाद का जहर है, वैमनस्यता का बीज है, राष्ट्रविरोध का मसाला है. देश को बदनाम करने का केमिकल है और देश को तोड़ने का हथौड़ा है। खड़गे जी, आशा है आप, आपकी पार्टी और आपके नेता को अपने प्रश्नों के उचित उत्तर मिल गए होंगे। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ आपको सद्बुद्धि दें और देशहित में काम करने की शक्ति दें।
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