विधायक आपस में उलझे, अध्यक्ष रमन बरसे, कहा- “सदन है सड़क नहीं, मर्यादा न तोड़ें”
By : hashtagu, Last Updated : July 16, 2025 | 9:46 am
रायपुर: विधानसभा (State Assembly) में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार में सदन की मर्यादा बार-बार टूटती रही। यह विवाद भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक के सवाल से शुरू हुआ, और इस दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के बीच तीखी बहस हुई।
विवाद इस हद तक बढ़ा कि दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे को अमर्यादित शब्दों से संबोधित करने लगे और तल्ख लहजे में बात करने लगे। इस दौरान देवेंद्र यादव ने अजय चंद्राकर को बैठने तक के लिए कह दिया। दोनों तरफ से नारेबाजी भी शुरू हो गई। इस मामले को बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप किया और सदस्यों को आपस में सीधे संवाद नहीं करने का निर्देश दिया। बावजूद इसके, 11 बार से अधिक बार सदन की मर्यादा टूटी और सदस्य एक-दूसरे से सीधे सवाल पूछते रहे।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक के कूटरचित दस्तावेजों पर कार्रवाई से जुड़े सवाल से हुई। जब मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया कि 12 अनुबंध निरस्त किए गए हैं और मुख्य एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव बीच में कूद पड़े।
कौशिक ने कहा, “शासकीय अधिकारी यदि कूटरचित दस्तावेज पेश करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर होती है, लेकिन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?” इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि 6 एजेंसियों के खिलाफ अनुबंध निरस्त कर दिए गए हैं और उनके खिलाफ शो काज नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।
कौशिक ने इस पर सवाल उठाया कि 80% भुगतान क्यों किया गया, जबकि पेयजल नहीं मिल रहा था, जबकि मंत्री ने इसे खारिज करते हुए कहा कि 60% वाले कोई कमिटमेंट नहीं थे। इस पर देवेंद्र यादव ने मंत्री के जवाब पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि “यह सदन का कागज है, और इसमें मंत्री जी ने स्पष्ट कहा है कि ठेकेदारों को 70% से ज्यादा भुगतान नहीं किया जाएगा, लेकिन विभाग गुमराह कर रहा है।”
इसपर अजय चंद्राकर ने देवेंद्र यादव की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और अध्यक्ष से पूछा कि देवेंद्र किस प्रक्रिया के तहत बोलने के लिए खड़े हुए हैं। इसके बाद देवेंद्र यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
अध्यक्ष के निर्देशों के बावजूद तोड़ी मर्यादा
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ध्यानाकर्षण के दौरान अजय चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास को सीधे संबोधित किया। इसके बाद अजय और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने एक-दूसरे से सीधे संवाद किया।
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केदार कश्यप ने “ऑपरेशन सिंदूर” पर प्रस्ताव रखा तो राम कुमार यादव ने टोका, जिसके बाद केदार कश्यप ने जवाब दिया।
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धर्मजीत सिंह और राम कुमार यादव के बीच भी सीधा संवाद हुआ।
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राजेश मूणत ने राम कुमार यादव से सीधे सवाल किया।
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जब अजय चंद्राकर ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने के लिए खड़े हुए, तो राम कुमार यादव और देवेंद्र यादव ने उनकी बातों पर टिप्पणी की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के निर्देश:
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की मर्यादा की बार-बार हो रही अवहेलना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “पूरा छत्तीसगढ़ प्रश्नकाल के महत्व को देखता है। विधानसभा की अपनी मर्यादा है, और इसमें बोलने का तरीका निर्धारित है। यह सड़क नहीं है, जहां आप भाषण देने आ रहे हैं। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे सदन की मर्यादा का पालन करें, क्योंकि पूरा प्रदेश और देश इसे देख रहे हैं।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस प्रकार का लहजा विधानसभा में उचित नहीं है। “जो भी विषय है, उसमें अपनी बात रखें, लेकिन यह ध्यान रखें कि आप सीधे एक-दूसरे से बात न करें। आसंदी को संबोधित करें, एक-दूसरे को देखकर बात करने की यह जगह नहीं है।”




