नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। मोदी सरकार रक्षा निर्यात (Modi government defense exports) को दोगुना करने की योजना बना रही है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने सेवाओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां अधिसूचित की हैं, जिसमें 500 से ज्यादा आइटम और चार अन्य सूचियां शामिल हैं। इन सूचियों में डीपीएसयू के लिए 4,600 से अधिक आइटम शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सैनिक भारत में बने हथियारों और प्लेटफार्मों का उपयोग करें।
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा क्षेत्र को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने और प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दीर्घकालिक लाभ के लिए इसमें आमूल-चूल बदलाव किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार जहां बड़ी कंपनियों का समर्थन कर रही है, वहीं वह स्टार्ट-अप के जरिए युवा प्रबुद्ध दिमागों को रक्षा क्षेत्र में भी आमंत्रित कर रही है। उन्होंने इसे दीर्घकालिक लाभ के लिए उठाया गया एक और कदम बताया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 4,35,000 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी अधिग्रहण को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। केंद्रीय बजट 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को 6.21 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो मंत्रालयों में सबसे अधिक है।
रक्षा मंत्रालय ने घरेलू रक्षा विनिर्माण पर सरकार के फोकस को रेखांकित करते हुए कहा कि पहली बार उत्पादन 1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है।