कोलकाता, 26 जून (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात सरकार (Sayantika Banerjee and Reyat Sarkar) ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के राजभवन जाकर शपथ ग्रहण समारोह (Oath taking ceremony) में हिस्सा लेने के निमंत्रण को नजरअंदाज कर दिया। इसके बजाय दोनों राज्य विधानसभा परिसर में ही धरने पर बैठ गए और मांग की कि राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए वहां आएं।
दोनों के हाथों में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, “शपथ के लिए माननीय राज्यपाल के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं” और साथ में उनके निर्वाचन के प्रमाण पत्र भी थे।
सायंतिका बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं निर्वाचित होने के बाद भी खुद को विधायक घोषित कर पाऊंगी या नहीं। मुझे नहीं पता कि मैं उन लोगों को सेवाएं दे पाऊंगी या नहीं, जिनके वोटों से मैं निर्वाचित हुई हूं। राज्यपाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हमें शपथ कौन दिलाएगा और इसकी सूचना विधानसभा को दी जानी चाहिए, जो विधायकों के रूप में हमारा कार्यस्थल है।”
रेयात सरकार ने कहा, “हम विधायक के तौर पर शपथ लेना चाहते हैं। इसलिए हम अपने चुनाव प्रमाण-पत्र और अन्य दस्तावेजों के साथ इंतजार कर रहे हैं। राज्यपाल को सुनिश्चित करना चाहिए कि हम शपथ समारोह में हिस्सा ले सकें।” इस घटनाक्रम से विधायक के रूप में सदन की कार्यवाही में सायंतिका बनर्जी और रेयात सरकार की भागीदारी के संबंध में गंभीर अनिश्चितता पैदा हो गई है।
राजभवन के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार शपथ समारोह के संबंध में अंतिम फैसला राज्यपाल का होता है। यदि कोई विधायक राज्यपाल की मंजूरी के बिना उस कार्यवाही में हिस्सा लेता है तो उसे दंड का सामना करना पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि यदि जरूरी हुआ तो वे राष्ट्रपति मुर्मू का ध्यान इस मामले की तरफ आकर्षित करेंगे।