रायपुर/30 अगस्त 2024। राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा भिलाई के डीपीएस स्कूल में मासूम बच्ची के साथ हुई दुराचार (Innocent girl molested in DPS school of Bhilai) की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं अन्य कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता (Congress leaders press conference) को संबोधित किया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। महिलायें कही सुरक्षित नहीं है। रायगढ़ में एक महिला के साथ 14 दरिंदे गैंग रेप करते है, चोरी, डकैती, हत्या, लूट, चाकूबाजी की घटनायें आम हो गयी है। स्कूलों में बच्चिया सुरक्षित नहीं है। भिलाई के डीपीएस स्कूल में 5 जुलाई 2024 को एक अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गंभीर घटना हुई। 5 जुलाई को बच्ची जब घर आई तो उसकी परेशानी को देखते हुये उसी दिन भिलाई के ही वरिष्ठ बाल चिकित्सक के यहां बच्ची को ले जाया गया जहां पर उन्होंने साफ लिखा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है। उन्होंने कुछ दवाईयां भी लिखा। 20 जुलाई को जब बच्ची की तबियत खराब हुई तब उसे फिर से दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया गया, डॉक्टर ने बच्ची के साथ गंभीर छेड़छाड़ की आशंका जताई। इस मामले में बच्ची के पालक लगातार स्कूल को शिकायत करते रहे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुआ।
इस मामले की जानकारी जब स्कूल के अन्य पालकों को हुई तब उन्होंने स्कूल के सामने मामले में कार्यवाही के लिये 2 अगस्त को प्रदर्शन किया। पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया। 3 अगस्त को दुर्ग के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बयान दिया कि बच्ची के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। अखबारों में छपी खबर गलत और भ्रामक है। जब एक न्यूज पोर्टल ने इस मामले की पूरी खबर लगातार छापा हो पुलिस अधीक्षक ने पालकों के वाट्सअप ग्रुप में न्यूज पोर्टल की खबर पर सवाल खड़ा करते हुये धमकाया कि न्यूज पोर्टल पर भी कार्यवाही हो सकती है। दुर्ग के पुलिस अधीक्षक के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते है। वे डीपीएस के पालकों का जो वाट्सअप ग्रुप है उसमें है, उस वाट्सअप ग्रुप में भी जब पालकों ने मामले पर आक्रोश जाहिर किया तो स्वयं पुलिस अधीक्षक इस प्रकार की घटना होने से इंकार कर रहे है।
इस मामले में तो सीधे एसपी ने लापरवाही बरती है। पुलिस अधीक्षक ने बिना एफआईआर के कैसे जांच करवा लिया तथा घटना को गलत बता दिया। उन्होंने स्कूल केंपस में पालको से तथा मीडिया में घटना होने से इंकार किया। दो-दो चिकित्सकों की रिपोर्ट साफ बता रही है कि बच्ची के साथ गलत हुआ है फिर एसपी ने किस आधार पर यह कह दिया कि कुछ नहीं हुआ। पास्को एक्ट के तहत एफआईआर के बाद पुलिस ने मेडिकल बोर्ड के सामने बच्ची का परीक्षण क्यों नहीं करवाया गया? इस पूरे मामले में एसपी का बयान बेहद ही गैर जिम्मेदाराना तथा आरोपियों को बचाने वाला है। पुलिस का काम अपराध की जांच कर आरोपियों को सजा दिलाने का है न कि घटना को नकार कर मामले में पर्दा डालने का है।
पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराई जाय। प्राचार्य और पुलिस अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है। वह खुद पार्टी है, इनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाय। पास्को एक्ट में अपराध कारित करने वाले के समान ही उसको छुपाने वाला भी दोषी है, अतः पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाय।
पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, एआईसीसी सचिव विकास उपाध्याय, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, भिलाई महापौर नीरज पाल, चरोदा महापौर निर्मल कोसरे,महेन्द्र छाबड़ा, महामंत्री दीपक मिश्रा, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, जिलाध्यक्ष उधो वर्मा, मुकेश चंद्राकर, प्रवक्ता वंदना राजपूत, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, प्रवक्ता सत्यप्रकाश सिंह, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।
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