नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। सोमवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) तेजी के साथ खुला। सेंसेक्स ने 300 से ज्यादा अंकों की छलांग के साथ ओपनिंग शुरू की। बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान पर लौटे। जबकि हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से सेबी पर लगाए गए आरोप के बाद यह दावा किया जा रहा था कि घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिलेगी।
हालांकि दावे के अनुसार घरेलू शेयर बाजार सोमवार को गिरावट के साथ शुरू तो हुआ लेकिन इसने जल्द ही रफ्तार पकड़ ली और उसने संभलते हुए 300 से ज्यादा अंक की वृद्धि दर्ज कर ली। इसके बाद बाजार विशेषज्ञों ने भी कहना शुरू कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय शोध कंपनी के नकारात्मक रिपोर्ट के बाद भी घरेलू शेयर बाजार ने इस रिपोर्ट के दावे को खारिज कर दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी में जारी तेजी ने बाजार का रूख बता दिया। जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चिंता जताई थी कि देशभर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं। जैसे, सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?
उन्होंने यह इल्जाम भी लगाया था कि सेबी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से लगता है कि संस्था की शुचिता के साथ गंभीर समझौता हुआ है, ऐसे में क्या उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा। राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा था कि देश भर के लोगों ने अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश किया है। ऐसे में इस रिपोर्ट के बाद उनका निवेश रिस्क जोन में पहुंच गया है।
लेकिन, जिस तरह से आज ओपनिंग के बाद से बाजार का रूख नजर आ रहा है उससे तो साफ पता चलता है कि यह बाजार की सामान्य प्रक्रिया है। क्योंकि शेयर बाजार इतनी गिरावट या उछाल के साथ तो हर रोज खुलता या बंद होता है। इस रिपोर्ट का भारतीय बाजार पर ना तो कोई असर नजर आ रहा है और ना ही निवेशकों का विश्वास घरेलू शेयर बाजार को लेकर डिगा है। ऐसे में यह रिपोर्ट स्वतः खारिज हो जा रही है।
राहुल गांधी ने यह डर फैलाया कि शेयर बाजार में निवेश किया गया भारतीयों का पैसा खतरे में है, बाजार ढह जाएगा। उन्होंने बाजार को गिराने के लिए ऐसा किया। उन्होंने हिंडनबर्ग एजेंडा चलाने के लिए भुगतान भी किया। निवेशकों ने रिपोर्ट देखी और कुछ नहीं पाया, वे जानते हैं कि हिंडनबर्ग भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहा है, जिसका समर्थन केवल राहुल गांधी कर रहे हैं।
वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक और अन्य यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय शेयर बाजार पर हमला करने की पुरजोर कोशिश की। उन्होंने सोचा कि सोमवार को बाजार गिर जाएगा और उनके पास मोदी सरकार पर हमला करने का एक और मौका होगा। उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर ट्वीट करने के लिए कई खातों को ₹5,000/- की पेशकश भी की, लेकिन, भारतीय शेयर बाजार ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया।
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, राहुल गांधी द्वारा सेंसेक्स को नुकसान पहुंचाने और भारत में मध्यम वर्ग को बड़ा नुकसान पहुंचाने और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की आर्थिक साजिश विफल हो गई है। अभी तक बाजार स्थिर है, राहुल गांधी के देर शाम आए इस बयान को भारत ने खारिज कर दिया है।
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