राहुल, सोनिया गांधी अपनी हिंदू विरोधी आस्था के कारण राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का राजनीतिकरण कर रहे : असम सीएम

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ही है जिसने अपने...

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  • Updated On - January 16, 2024 / 10:40 PM IST

गुवाहाटी, 16 जनवरी (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ही है जिसने अपने बहिष्कार से अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple in Ayodhya) के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को एक राजनीतिक अवसर में बदल दिया है।

उन्होंने दावा किया कि राहुल और सोनिया गांधी ने अपने हिंदू विरोधी रुख के कारण राम मंदिर कार्यक्रम को राजनीतिक बना दिया है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राहुल और सोनिया गांधी अपनी हिंदू विरोधी मान्यताओं (आस्था) के कारण इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। केवल कांग्रेस पार्टी उस चीज़ का राजनीतिकरण कर रही थी जिसे आम तौर पर भारतीय सभ्यता की उपलब्धि के रूप में देखा जाता है।

सीएम सरमा की यह टिप्पणी राहुल गांधी के नागालैंड में दिए गए बयान के बाद आई है। राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा और आरएसएस ने 22 जनवरी के समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित एक ‘राजनीतिक कार्यक्रम’ में बदल दिया है, जो इसमें भाग लेंगे। ऐसे में उनकी पार्टी के नेताओं का इसमें शामिल होना मुश्किल है।

सीएम सरमा ने पत्रकारों को बताया, ”यदि राहुल गांधी वहां जाते तो इसमें कोई राजनीतिक रंग नहीं होता। हमने आपको जाने दिया ताकि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम न बन जाए।”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य प्रमुख नेताओं ने प्रतिष्ठा समारोह को ‘सम्मानपूर्वक अस्वीकार’ कर दिया है, जिन्होंने चुनावी लाभ के लिए इसे ‘राजनीतिक परियोजना’ में बदलने के लिए भाजपा को दोषी ठहराया है।

सभी लोग जाएंगे, रामलला के दर्शन करेंगे और फिर वापस आ जाएंगे। मेरी राय में, कोई भी राजनीतिक या कांग्रेस विरोधी भाषण नहीं देगा। अन्य लोग इसे भारतीय सभ्यता की उपलब्धि के रूप में देखते हैं।