रायपुर। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन (State Congress Headquarters Rajiv Bhavan) में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये सांसद सदस्य राज्यसभा प्रमोद तिवारी (Rajya Sabha MP Pramod Tiwari) ने कहा कि आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, जिन्होने वैज्ञानिक सोच के साथ आधुनिक भारत की संरचना की हैं, मैं उनके निर्वाण दिवस पर उन्हे विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
कल भारत की संसद का उद्घाटन मा. प्रधानमंत्री जी करने जा रहे हैं जबकि संसद और संविधान की मुखिया महामहिम राष्ट्रपति जी होते है, तथा महामहिम राष्ट्रपति देश में ही उपस्थित हैं और उनके हाथों से न कराकर बाबासाहब अम्बेडकर जी का अपमान किया जा रहा है जिन्होने संविधान की संरचना की थी इतना ही नहीं यह संसद की और संविधान का भी अपमान किया जा रहा है। क्या यह इसलिए किया जा रहा है कि महामहिम राष्ट्रपति जी आदिवासी एवं महिला हैं, यह आदिवासियों एवं महिलाओं का घोर अपमान है मैं इसकी निंदा करता हूँ और इसलिए हम समारोह का बहिष्कार 20 दल कर रहे हैं।
मुझे प्रसन्नता हो रही है कि मैं आज छत्तीसगढ़ आया हूं। आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल श्रेष्ठतम मुख्यमंत्री के रूप में अपने कामों की वजह से पूरे देश में जाने जा रहे हैं। मैं मंत्री परिषद और कांग्रेसजनो को बधाई देता हूं। आज मोदी सरकार के 9 साल पूरे हुये हैं इसलिए मैं मोदी जी और उनकी सरकार से 9 सवाल पूछ रहा हूं-
1. अर्थव्यवस्था
ऐसा क्यों है कि देश में महंगाई और बेरोज़गारी आसमान छू रही है? क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और ग़रीब और ग़रीब? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? आर्थिक विषमताएं क्यों बढ़ रही हैं?
2014 के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से 70 डॉलर प्रति बैरल गिर गई हैं। युवा बेरोज़गारी 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गई है, वहीं गरीबों के लिए वेतन वृद्धि निगेटिव रही है। यह एक विनाशकारी रिकॉर्ड है। नोटबंदी और जीएसटी ने काले धन को तो ख़त्म नहीं किया उल्टा छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया। हाल ही में घोषित नोटबंदी 2.0 ने आपकी सरकार के बेरहम दृष्टिकोण की याद को ताज़ा कर दिया है।
ऐसा क्यों है कि काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दी गई? पिछले 9 सालों में भी किसानों की आय क्यों दोगुनी नहीं हुई?
कृषि को अपने चुने हुए मित्रों के हवाले करने के आपके प्रयास को एक व्यापक किसान आंदोलन ने विफल कर दिया। फिर भी आपकी सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य निर्धारण के लिए किसानों की प्रमुख मांग को ठुकरा रही है। एक किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि कृषि वस्तुओं पर जीएसटी ने हमारे अन्नदाताओं पर बोझ और बढ़ा दिया है। साथ ही उर्वरक जैसी वस्तुओं पर सब्सिडी में भी कटौती की गई है।
ऐसा क्यों है कि अडानी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई में जमा जनता के ख़ून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया? आप चोरों को क्यों भागने दे रहे हैं? आप भाजपा शासित राज्यों में हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं और क्यों देशवासियों को कष्ट झेलने को मजबूर कर रहे हैं?
मोदानी मेगास्कैम से सामने आया कि कैसे एलआईसी और एसबीआई जैसी राष्ट्रीय संपत्ति अडानी जैसी जोखिम भरी कंपनियों में निवेश करने और उसे ऋण देने के लिए करोड़ों पॉलिसीधारकों और जमाकर्ताओं की बचत को जोख़मि में डाल रही है। अडानी का एकाधिकार बिजली और उड़ानों के लिए उच्च कीमतों में योगदान दे रहा है। रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एकाधिकार महंगाई को बढ़ा रहा है। इस बीच, आपके करीबी डिफॉल्टर्स और स्कैमर्स को उनकी चोरी की संपत्ति के साथ भागने की अनुमति दी जाती है और जो लोग आपकी पार्टी में शामिल होते हैं, उन्हें मोदी वाशिंग मशीन द्वारा साफ किया जाता है।
ऐसा क्यों है कि चीन को लाल आँख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने उसे 2020 में क्लीनचिट दे दी, जबकि वह आज भी हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा करके बैठा है? चीन के साथ 18 बैठकें हुई हैं, फिर भी वह क्यों आक्रामक रवैया अपनाते हुए हमारी पवित्र भूमि से वापस नहीं जा है?
2020 से चीन द्वारा नियंत्रित 1,500 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर आपकी चुप्पी राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर आपकी विफलता को बयां करती है। यहां तक कि जब चीन अधिक आक्रामक हो रहा है और हमारी संप्रभुता को लेकर अनुचित मांग रखता है, तब भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आपकी सरकार के सत्ता में आने के नौ साल बाद भी कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नहीं है। रक्षा ख़र्च कई दशकों के निचले स्तर पर है। ये कारण अलोकप्रिय अग्निपथ योजना जैसे विनाशकारी कदमों की ओर ले जाते हैं, जो प्रशिक्षण मानकों को कम करके और यूनिट की एकता को ख़तरे में डालते हैं। साथ ही इससे हमारे सशस्त्र बलों को कमज़ोर होने का जोखिम रहता है।
ऐसा क्यों है कि आप चुनावी फ़ायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे हैं?
नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर ने धर्म के आधार पर भेदभाव करने की कोशिश की, भले ही सभी धर्मों के नागरिकों ने प्रशासनिक गड़बड़ी की कीमत चुकानी पड़ी हो। आपकी पार्टी के सदस्यों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कमज़ोर वर्गों के खिलाफ़ हिंसा को भड़काया। इससे कारण 2014 के बाद से नफ़रत से संबंधित अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। आप चुनावी लाभ के लिए विभाजन को प्रोत्साहित करते हैं और हिंसा की उन घटनाओं पर अक़्सर चुप रहते हैं, जो उग्र हो जाती हैं। दिल्ली, मणिपुर और अन्य स्थानों पर हिंसा के मामलों में आपने ऐसा ही किया।
ऐसा क्यों है कि आपकी दमनकारी सरकार सामाजिक न्याय की नींव को ध्वस्त कर रही है? महिलाओं, दलितों, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर आप चुप क्यों हैं? जाति जनगणना की मांग को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
2014 के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचारों में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े दलितों के प्रति आपके प्रेम को दिखाने के लिए काफी हैं। जातिगत जनगणना या 2011 की सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने से इंकार करना दर्शाता है कि आप ओबीसी सशक्तिकरण को लेकर कितने गंभीर हैं। वन अधिकार अधिनियम को कमज़ोर करना आदिवासी समुदाय के प्रति आपकी संवेदनहीनता को दिखाता है। आपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बहुत ज़रूरी छात्रवृत्ति कम कर दी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2013 में 3.1 लाख से बढ़कर 2021 में 4.2 लाख हो गए हैं।
ऐसा क्यों है कि पिछले 9 सालों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमज़ोर किया गया है? विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई क्यों की जा रही है? क्यों जनता द्वारा चुनी हुई विपक्षी दलों की कई सरकारें गिराई गई?
अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में धन-बल का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को गिराना लोकतंत्र के प्रति आपके सम्मान को दर्शाता है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। 2014 के बाद से सीबीआई और ईडी के 95 प्रतिशत मामले उन राजनेताओं के खिलाफ़ हैं, जो विपक्षी दलों के हैं। जब से आप प्रधानमंत्री बने हैं, संसद की बैठक के दिन लगातार कम हो रहे हैं, जैसे जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब विधानसभा की बैठक भी कम होती थी।
ऐसा क्यों है कि बजट में कटौती करके मनरेगा जैसी जनकल्याण की योजनाओं को कमज़ोर किया गया? ग़रीब, आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है?
COVID-19 महामारी के दौरान देश के ग़रीबों को राहत देने में मनरेगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, आपने कभी भी यूपीए के समय की इन महत्वपूर्ण योजनाओं पर भरोसा नहीं जताया। यहां तक आपने संसद में मनरेगा का मज़ाक भी उड़ाया। क्या इसीलिए आपने मनरेगा के आवंटन में कटौती की है और काम के दिनो की संख्या कम कर दी है? आपकी बहुचर्चित उज्ज्वला योजना विफल रही है क्योंकि बहुत कम लोग 1,103 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से रसोई गैस ख़रीद पा रहे हैं। हाल के वर्षों में बच्चों के कुपोषण में वृद्धि हुई है और खुले में शौच मुक्त ज़िलों के दावे स्पष्ट रूप से वास्तविकताओं से बहुत दूर हैं।
ऐसा क्यों है कि कोरोना के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गया? क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घर जाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया?
आपकी सरकार ने कोविड-19 को लेकर श्री राहुल गांधी की शुरुआती चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया। फिर जब हालात बिगड़े तब दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। जिससे हमारी तिमाही जीडीपी 21 प्रतिशत गिर गई और एक ख़तरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया। 4 करोड़ प्रवासी श्रमिक भाई-बहन सड़कों पर आ गए। पहली लहर के बाद समय से पहले ही जीत की घोषणा कर दी गई। इस वजह से विनाशकारी दूसरी लहर के लिए ठीक से तैयारी नहीं हुई और भारत गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। WHO के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाइयों और हॉस्पिटल बेड्स की कमी के कारण भारत में COVID-19 से सबसे अधिक 47 लाख लोगों की मौत हुई है। इस बीच आपकी सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी की। यह दावा किया गया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। साथ ही ये भी कहा गया कि इसकी कोई जानकारी नहीं है कि महामारी में कितने प्रवासी, पुलिसकर्मी और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स मारे गए।
मैं जानता हूं मोदी जी जवाब नहीं देंगे किंतु जवाब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता पूछेगी कि कहां है हमारा 15 लाख रूपया? कहां है 18 करोड़ रोजगार? कहां है हमारा 30 रुपये प्रति लीटर वाला पेट्रोल? और कहां है हमारा 300 रुपये वाला गैस सिलेंडर?
पत्रकार वार्ता की शुरूआत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल को देश की 140 करोड़ जनता के लिए नाकामी, लाचारी और बेबसी भरा है। रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड से 1 लाख 76 हजार करोड़ रू. निकाल लिया गया। 28 लाख करोड़ की कीमत की संपत्तियों को मात्र 60,000 लाख करोड़ रू. में बेच दिया गया। कांग्रेस शासनकाल में बनी सरकारी उपक्रमों कल कारखाना, हवाई अड्डा, विमानन कंपनी, रेलवे स्टेशन, ट्रेन, स्टेडियम, लालकिला सहित देश की ऐतिहासिक धरोहरों को अपने चंद पूंजीपति मित्रों को कौड़ी के दाम बेचने के अलावा इनके द्वारा कोई काम नहीं किया गया।
आखिर भाजपा किस बात का जश्न मना रही है, जब देश के 140 करोड़ जनता का चेहरा मायूस और उदास लग रहा है। मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां आरएसएस और उनके अनुशांगिक संगठनों के अलावा किसी और को समझ नहीं आ रहा है। हकीकत यह है कि 9 साल के कार्यकाल में सिर्फ दो लोगों को छोड़कर 140 करोड़ जनता को भारी भरकम टैक्स अनियंत्रित महंगाई, बेरोजगार और भागमभाग के अलावा कुछ भी नहीं मिला। मोदी सरकार के नाकामी पर 9 सवाल संबंधित पुस्तक का विमोचन किया।
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