रायपुर। अशाेका बिरयानी प्रबंधन (Ashoka Biryani Management) ने गटर की सफाई के लिए अपने दो कर्मचारियों को उतार दिया। जिससे मौके पर दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि होटल प्रबंधन को इस काम के लिए नगर निगम को सूचित करना चाहिए थे। लेकिन प्रबंधन ने अपने ही दो कर्मचारियों की जान (Lives of two employees) ले ली। इन कर्मचारियों के ऊपर अपने परिवार के भरण पोषण करने की जिम्मेदारी थी। इन्हें न्याय दिलाने के लिए आज इस घटना पर छत्तीसगढ़ क्रांती सेना ने मृतक कर्मचारियों के परिजनों के साथ आशोका बिरयानी का घेराव कर दिया है। परिजनों के द्वारा दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। पुलिस की टीम भी मौके पर है और प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुटी हुई है।
वैसे गृहमंत्री मंत्री विजय शर्मा ने इस पूरे प्रकरण के जांच के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। लेकिन सवाल उठता है कि दोनों कर्मचारी किसके कहने पर गटर में उतर गए। वह भी बिना जीवन सुरक्षा उपकरणों के। इन्हें आदेश देने वाला कौन था, बिरयानी सेंटर का मालिक की मैनेजर। यही सवाल आज मृतक के पीडि़त परिवार भी पूछ रहे हैं। यही सवाल उन पत्रकारों ने भी बिरयानी सेंटर में मौजूद मैनेजर और कर्मचारियों से पूछा। जिस पर जवाब देने के बजाय महिला स्टाफ को आगे कर पत्रकारों पर हमला कर दिया गया है।
साथ ही आज इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए आशोका बिरयानी के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, और जब तक जांच जारी है, तब तक बिरयानी सेंटर को बंद कराया गया। घटना की जानकारी पर पहुंचे पत्रकारों से सेंटर के कर्मचारियों ने बदसलूकी की थी।
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मामले में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार की बात पता चली है, उन्हें ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। विषय की जाँच की जा रही है। जब तक जाँच जारी है, तब तक बिरयानी सेंटर बंद रहेगा। बताया जाता है कि अशोका बिरयानी के मालिक की राजनीतिक रसूख भी रखते हैं। बहुत ही कम समय से पैसा और नाम दोनों कमाया है। इस वजह से कर्मचारियों को खुली छूटी है कि कोई भी उनके काम में दखलअंदाजी करे तो वे उसका पूरा विरोध करें। जैसे की चर्चा है।
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