रायपुर। (Thursday is the black day of storms) छत्तीसगढ़ में रायपुर समेत प्रदेश के कई इलाकों से आ रही तस्वीरों ने लोगों को विचलित कर दिया है, फिर वह सिमगा से लगे टोल प्लाज़ा की तस्वीर हो, सड़कों पर पेड़ों के धराशायी होने की, या फिर पोल्स और शेड्स के गिरने की. इस बीच एक सवाल खड़ा हुआ है कि मौसम की जानकारी देने की ज़िम्मेदारी जिम्मेदारी किसकी है?। पूरे शहर में विद्युत आपूर्ति और संचार व्यवस्था अधिकांश इलाकों में ठप (Communication system down in most areas) रहा।
दरअसल, बदलते मौसम की जानकारी लेने जब मीडिया वाले पहुंचे तो छत्तीसगढ़ मौसम विभाग के हेड ऑफिस में वहां मौजूद अधिकारी सुनील गुप्ता ने यह बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट को लोगों तक समय पर नहीं पहुंचाया जाता. उन्होंने कहा कि SMS के माध्यम से लोगों को सचेत करने की ज़िम्मेदारी आपदा प्रबंधन की होती है, लेकिन ज़िम्मेदार विभाग मौसम के अलर्ट्स को नज़रअंदाज़ करता है. आज के हालात को लेकर उन्होंने बताया कि कई जगह गंभीर परिस्थितियाँ बनीं जिससे बड़े हादसे हो सकते थे, लेकिन सही वक्त पर लोगों को जानकारी नहीं पहुंचाई गई.
रायपुर में तेज आंधी-तूफान के चलते पूरे शहर की बिजली चली गई. ऐसी परिस्थितियों में सरकारी दफ़्तरों में काम प्रभावित न हो, इसके लिए जनरेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लेकिन मौसम विभाग अंधेरे में डूबा रहा. इस बीच सारे मॉनिटरिंग सिस्टम बंद रहे और कोई भी अपडेट अधिकारियों को नहीं मिली.