हल्दी: एक मसाला नहीं, सेहत का खजाना

By : dineshakula, Last Updated : September 18, 2025 | 3:24 pm

Turmeric: हल्दी भारतीय रसोई का वह अहम हिस्सा है जो सिर्फ स्वाद और रंग ही नहीं देता, बल्कि सेहत का भी सच्चा रखवाला है। आयुर्वेद में इसे जीवन रक्षक औषधि माना गया है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन तत्व इसे एक नेचुरल एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी बनाता है, जिससे यह शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

शोधों के अनुसार, जब हल्दी को काली मिर्च के साथ सेवन किया जाता है तो करक्यूमिन का अवशोषण शरीर में 2000 गुना तक बढ़ जाता है। यही वजह है कि हल्दी का उपयोग दवाओं में भी किया जाता है।

हल्दी का प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक होता है। यह सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन को सक्रिय कर मूड को बेहतर बनाती है और चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को कम करती है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी हल्दी मददगार मानी जाती है, क्योंकि करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने की क्षमता रखता है।

गठिया और जोड़ों के दर्द में यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह काम करती है। साथ ही, यह हृदय को भी सुरक्षित रखती है और धमनियों में ब्लॉकेज बनने से रोकती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। हल्दी का नियमित सेवन पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

सौंदर्य के क्षेत्र में भी हल्दी का उपयोग सदियों से होता आया है। यह त्वचा की चमक बढ़ाती है, दाग-धब्बों को दूर करती है और एंटी-एजिंग गुणों से झुर्रियों को रोकती है। इसी कारण से भारतीय परंपरा में शादी से पहले हल्दी की रस्म की जाती है।

आयुर्वेद में हल्दी को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ, दूध या शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है। हल्दी वाला दूध, जिसे आजकल गोल्डन मिल्क कहा जाता है, सर्दी-जुकाम, खांसी और थकान में असरदार माना जाता है। वहीं, हल्दी और शहद का मिश्रण खांसी में राहत देता है और हल्दी, अदरक और तुलसी का काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बेहतरीन उपाय है।

कुल मिलाकर हल्दी केवल एक मसाला नहीं, बल्कि शरीर, मन और सौंदर्य का संपूर्ण रक्षक है।