कोविड का जैविक हथियार के रूप में नहीं हुआ इस्तेमाल: अमेरिकी खुफिया एजेंसियां
By : hashtagu, Last Updated : June 24, 2023 | 4:55 pm
रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग सभी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 जेनेटीकली इंजीनियर्ड नहीं था।
इसमें कहा गया है, अधिकांश एजेंसियों का आकलन है कि र्सास-कोव-2 प्रयोगशाला-अनुकूलित नहीं था; कुछ निर्धारण करने में असमर्थ हैं। सभी खुफिया समुदाय एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 को जैविक हथियार के रूप में विकसित नहीं किया गया था।
इस बीच, रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया एजेंसियों ने पाया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए यानी चीन की सेना) और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) द्वारा किए गए कुछ शोध में कोरोनवायरस सहित कई वायरस के साथ काम शामिल था, लेकिन ऐसा कोई ज्ञात वायरस नहीं था जिसे सार्स-कोव-2 का पूर्वज माना जा सके।
जानवरों के नमूने और आनुवंशिक विश्लेषण सहित प्रयोगशाला में किए गए शोध बात को स्वीकार करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, हमारे पास इस बात का कोई संकेत नहीं है कि डब्ल्यूआईवी के महामारी-पूर्व अनुसंधान में सार्स-कोव-2 या एक करीबी पूर्वज शामिल था, न ही कोई प्रत्यक्ष प्रमाण है कि एक विशिष्ट अनुसंधान से संबंधित घटना महामारी से पहले डब्ल्यूआईवी कर्मियों के साथ घटी थी, जो कोविड महामारी का कारण बन सकती थी।
अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय की लंबे समय से प्रतीक्षित और शुक्रवार शाम जारी अवर्गीकृत रिपोर्ट में कहा गया है, सभी एजेंसियां यह आकलन कर रही हैं कि पहले मानव संक्रमण की व्याख्या करने के लिए दोनों ही – प्राकृतिक और प्रयोगशाला-संबंधी – परिकल्पनाएं संभव दिखती हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मई 2021 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति की जांच का निर्देश दिया था।
पिछली ऐसी रिपोर्ट में, खुफिया जानकारी आम सहमति तक नहीं पहुंच पाई थी, हालांकि उनमें से अधिकांश प्राकृतिक उत्पत्ति परि²श्य के पक्ष में थे।
नई रिपोर्ट में उन पहले के आकलनों से नया कुछ बहुत ज्यादा नहीं कहा गया है।
नई रिपोर्ट में नेशनल इंटेलिजेंस काउंसिल और चार अन्य अनाम एजेंसियों ने कहा कि कोविड-19 बीमारी के वायरस सार्स-कोव-2 वायरस का सबसे ज्यादा संभावित कारण प्राकृतिक जान पड़ता है, संभवत: यह किसी जानवर से इंसानों में फैला होगा।
इसके विपरीत, ऊर्जा विभाग और संघीय जांच ब्यूरो का आकलन है कि सार्स-कोव-2 का पहला मानव संक्रमण संभवत: किसी प्रयोगशाला में हुआ होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी और एक अन्य अनाम एजेंसी का कहना है कि वह कोविड महामारी की सटीक उत्पत्ति का निर्धारण करने में असमर्थ है।