न्यूयॉर्क/सैन फ्रांसिस्को: दुनिया के सबसे चर्चित और विवादित उद्योगपतियों में शुमार Elon Musk एक बार फिर सुर्खियों में हैं — इस बार वजह है उनकी सैलरी न मिलना और Tesla के साथ हुई उनकी स्टॉक डील पर कोर्ट का फैसला।
जी हां, Elon Musk ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें पिछले सात वर्षों में Tesla से एक भी डॉलर सैलरी नहीं मिली। उन्होंने कहा, “Zero for seven years.” इस दौरान Tesla की कंपनी वैल्यू में 2000% से अधिक की बढ़ोतरी हुई, लेकिन मस्क ने पारंपरिक सैलरी लेने से इनकार कर दिया।
2018 में, Tesla ने मस्क को एक परफॉर्मेंस-बेस्ड स्टॉक ऑप्शन डील दी थी। इसमें कंपनी के कुछ निर्धारित टारगेट पूरे करने पर मस्क को 304 मिलियन स्टॉक ऑप्शंस मिलने थे। 2023 तक मस्क ने ये सभी टारगेट पूरे कर लिए, और इस डील की कुल वैल्यू 146 अरब डॉलर तक जा पहुंची थी।
जनवरी 2024 में अमेरिका की डेलावेयर कोर्ट ने इस डील को “अनुचित” और “पक्षपातपूर्ण” बताया। कोर्ट का कहना था कि डील बनाते समय Tesla के बोर्ड ने स्वतंत्र रूप से फैसला नहीं लिया और वे मस्क के प्रभाव में थे। कोर्ट के इस फैसले के बाद डील की वैल्यू घटकर लगभग 98 अरब डॉलर रह गई है।
Tesla के बोर्ड ने अब एक नई कमेटी गठित की है, जिसमें चेयरपर्सन रॉबिन डेनहोल्म और डायरेक्टर कैथलीन विल्सन-थॉम्पसन शामिल हैं। यह कमेटी मस्क की फ्यूचर सैलरी और मुआवजा स्ट्रक्चर पर काम कर रही है और तय करेगी कि उन्हें आगे क्या और कैसे भुगतान किया जाए।
Elon Musk का कहना है कि उन्होंने Tesla को एक साधारण ईवी कंपनी से उठाकर ग्लोबल इनोवेशन लीडर बना दिया है — वो भी बिना कोई वेतन लिए। उनके मुताबिक, यह मुद्दा अब सिर्फ उनकी सैलरी का नहीं, बल्कि ग्लोबल कॉर्पोरेट गवर्नेंस का बड़ा सवाल बन चुका है।