H-1B वीज़ा बंद करना ‘बहुत बुरा होगा’, एलन मस्क का बयान—कहा अमेरिका को भारतीय प्रतिभा से बड़ा फायदा

यह टिप्पणी उस समय आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाइयां चल रही हैं और H-1B नीति में कई बदलाव हुए हैं।

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 10:55 PM IST

नई दिल्ली। अमेरिका में इमिग्रेशन और H-1B वीज़ा को लेकर बढ़ती बहस के बीच एलन मस्क ने स्पष्ट कहा है कि H-1B कार्यक्रम को बंद करना “बहुत बुरा” निर्णय होगा। ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान मस्क ने भारतीय प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका ने “प्रतिभाशाली भारतीयों से लंबे समय तक बड़ा लाभ उठाया है।”

निखिल कामत ने बातचीत की शुरुआत इस बात से की कि अमेरिका दशकों तक दुनिया भर से “बेहद होशियार लोग” आकर्षित करता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इमिग्रेशन को लेकर माहौल में बदलाव दिख रहा है और अमेरिका “कुछ हद तक एंटी-इमिग्रेशन” हो गया है। इसके जवाब में मस्क ने माना कि भारत से गए पेशेवरों ने अमेरिका की तरक्की में अहम योगदान दिया है।

यह टिप्पणी उस समय आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाइयां चल रही हैं और H-1B नीति में कई बदलाव हुए हैं। अक्टूबर में ट्रंप ने नए H-1B आवेदन पर 100,000 डॉलर की भारी फीस लागू करने वाला प्रोक्लेमेशन साइन किया था, जिसका उद्देश्य कंपनियों को अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करना था, लेकिन कई क्षेत्रों से इसका विरोध भी हुआ।

मस्क: H-1B में गड़बड़ियाँ हैं, लेकिन कार्यक्रम खत्म करना गलत
मस्क ने माना कि H-1B वीज़ा कार्यक्रम में कुछ दुरुपयोग हुए हैं। “कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों ने सिस्टम को गेम किया है,” उन्होंने कहा। लेकिन उनका मानना है कि समाधान कार्यक्रम को खत्म करना नहीं बल्कि इसका दुरुपयोग रोकना है।

उन्होंने कहा, “मैं उस विचारधारा में नहीं हूं कि H-1B प्रोग्राम को बंद कर देना चाहिए… यह वास्तव में बहुत बुरा होगा।”

‘लेफ्ट ओपन बॉर्डर चाहता है, राइट को नौकरी छिनने का डर’
मस्क ने अमेरिकी राजनीति में इमिग्रेशन को लेकर गहरे मतभेदों पर भी बात की। उन्होंने जो बाइडेन सरकार की बॉर्डर पॉलिसी को “बिना नियंत्रण” बताया और कहा कि “जब तक बॉर्डर कंट्रोल नहीं होते, आप देश नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक लेफ्ट “लगभग खुले बॉर्डर” चाहती है, जबकि रिपब्लिकन राइट को लगता है कि विदेशी टैलेंट उनकी नौकरियाँ ले लेता है। मस्क ने कहा कि कमजोर बॉर्डर व्यवस्था से “अवैध इमिग्रेशन में भारी बढ़ोतरी” होती है और यह “नकारात्मक चयन प्रभाव” पैदा करता है।

‘स्किल्ड वर्कर्स की कमी असली है’
मस्क ने स्वीकार किया कि उच्च कौशल वाले लोगों की कमी तकनीकी उद्योग के लिए वास्तविक चुनौती है। उन्होंने कहा, “हमें कठिन कामों को करने के लिए पर्याप्त प्रतिभाशाली लोग ढूंढने में बहुत मुश्किल होती है। इसलिए अधिक प्रतिभाशाली लोगों की जरूरत है।”

एलन मस्क के ये बयान ऐसे समय पर आए हैं जब अमेरिका में H-1B, इमिग्रेशन और बॉर्डर कंट्रोल को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है।