इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) ने एक बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन करते हुए हूती विद्रोही सरकार के टॉप नेताओं को एक ही झटके में खत्म कर दिया है। यह ऑपरेशन यमन की राजधानी सना में बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।
इस हमले में हूती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल रहावी, रक्षा मंत्री मुहम्मद नासिर अल अथाफी, और सेना प्रमुख मुहम्मद अल गामरी समेत 10 से ज्यादा मंत्री मारे गए हैं।
इजरायल की नजर लंबे समय से ईरान समर्थित तीन आतंकवादी संगठनों हमास, हिजबुल्ला और हूती (Triple H) पर थी। इन तीनों को मिलाकर ईरान इजरायल पर दबाव बना रहा था। अब इन तीनों के खिलाफ इजरायल ने मोर्चा खोलते हुए ‘ट्रिपल H’ नेटवर्क की कमर तोड़ दी है।
मोसाद को जानकारी मिली कि हूती सरकार की टॉप लीडरशिप सना की एक इमारत में गुप्त बैठक कर रही है।
जैसे ही सभी नेताओं के डिवाइस एक साथ एक्टिव हुए, मोसाद ने F-35 फाइटर जेट और हेरोन ड्रोन को अलर्ट कर दिया।
F-35 से दागी गई मिसाइलों ने बिल्डिंग को मलबे में बदल दिया, जबकि ड्रोन ने एक और सैन्य इमारत को निशाना बनाया।
हमला इतना तेज और सटीक था कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
अहमद अल रहावी (PM): ईरान और हमास-हिजबुल्ला से संबंध मजबूत करने वाला नेता, 10 महीने पहले पीएम बना था।
मुहम्मद नासिर अल अथाफी (Defence Minister): हूती का सबसे बड़ा सैन्य रणनीतिकार, इजरायल के खिलाफ कई ऑपरेशन चला चुका था।
मुहम्मद अल गामरी (Chief of Staff): मिसाइल और ड्रोन हमलों का मास्टरमाइंड, इजरायल और रेड सी में सक्रिय था।
हूती विद्रोही लगातार इजरायल पर मिसाइल हमले कर रहे थे और रेड सी में इजरायली जहाजों को टारगेट बना रहे थे। अल रहावी और अथाफी जैसे नेता इसके पीछे प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। इस ऑपरेशन से हूती नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
मोसाद के पास पहले से ही सना में खुफिया एजेंट और तकनीकी सर्विलांस मौजूद था।
जब लीडरशिप एक जगह पर जुटी, तो यह मौका हाथ से जाने नहीं दिया गया।
मिनटों में राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को खत्म कर दिया गया।