काठमांडू, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Jaishankar) भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक में भाग लेने के लिए 4-5 जनवरी 2024 को काठमांडू की यात्रा पर जाएंगे।
जयशंकर अपने नेपाली समकक्ष एन.पी. सऊद के निमंत्रण पर हिमालयी राष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। वह नेपाल-भारत संबंधों की समीक्षा करने और उन्हें सुचारू करने के लिए दोनों पड़ोसी देशों के बीच सर्वोच्च द्विपक्षीय तंत्र में भाग लेंगे।
सऊद ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “यात्रा लगभग तय हो गई है। हमने यात्रा के लिए जमीनी काम शुरू कर दिया है।”
यात्रा के दौरान कुछ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। दोनों पक्ष लगभग तीन वर्षों के अंतराल के बाद होने वाली बैठक की तैयारी कर रहे हैं।
सऊद ने बताया, “अभी निश्चित नहीं है लेकिन हम यात्रा के दौरान कुछ समझौतों पर पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।”
विदेश मंत्री के अनुसार, बैठक के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच चर्चा चल रही है और उन्होंने यात्रा का कार्यक्रम और नेपाल में भारत द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं की स्थिति भी मांगी है।
नेपाल सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, जयशंकर 4 जनवरी को काठमांडू पहुंचेंगे, संयुक्त आयोग की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल तथा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यात्रा के दौरान, नेपाल से भारत को 10 हजार मेगावाट ऊर्जा निर्यात करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इस बीच डिजिटल पेमेंट से जुड़ी डील भी संभावित हैं।
जयशंकर काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में भारतीय सहायता से निर्मित नई केंद्रीय पुस्तकालय का भी उद्घाटन करेंगे।
हाल ही में एक मीडिया बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री दहल ने खुलासा किया कि जयशंकर की यात्रा के दौरान 10 साल के भीतर भारत को 10 हजार मेगावाट बिजली निर्यात करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
जनवरी 2021 में नई दिल्ली में हुई पिछली संयुक्त आयोग की बैठक में, दोनों पक्षों ने कोविड-19 के टीकों की आपूर्ति, सीमा और सीमा प्रबंधन, कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग, व्यापार और पारगमन, बिजली और जल संसाधन तथा साथ ही संस्कृति और शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा की थी।
संयुक्त आयोग का गठन फरवरी 1991 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की नेपाल यात्रा के दौरान किया गया था।