श्रीलंका के अधिकारी भारतीय खुफिया जानकारी पर ईस्टर संडे हमलों को रोकने में विफल रहे’

(Sri Lanka) श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि देश के शीर्ष अधिकारी भारत (top official india) द्वारा साझा की गई विस्तृत खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करने में विफल रहे,

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  • Publish Date - January 12, 2023 / 06:40 PM IST

कोलंबो (आईएएनएस)| (Sri Lanka) श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि देश के शीर्ष अधिकारी भारत (top official india) द्वारा साझा की गई विस्तृत खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करने में विफल रहे, अन्यथा 2019 के इस्टर हमलों को टाला जा सकता था। इन आत्मघाती बम विस्फोटों में 269 लोग मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2019 ईस्टर संडे के हमलों के पीड़ितों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।

12 मौलिक अधिकार याचिकाओं से संबंधित अपना फैसला सुनाते हुए सात सदस्यीय न्यायाधीश की पीठ ने कहा, “ईस्टर संडे कुछ ही हफ्ते दूर था जब भारत से हमले के बारे में जानकारी मिली, लेकिन अधिकारियों ने किसी भी चर्च की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किए।”

हमले में जीवित बचे लोगों और तीन ईसाई पादरियों द्वारा याचिका दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सिरिसेना को मुआवजे के रूप में 100 मिलियन एलकेआर ( 2,73,334 डॉलर) की राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया, जबकि पूर्व आईजीपी पुजिथ जयसुंदरा और राज्य इंटेलिजेंट सर्विस (एसआईएस) के पूर्व निदेशक नीलांथा जयवर्धने को 75 मिलियन एलकेआर का भुगतान करने का आदेश दिया गया।

पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नाडो को भी 50 मिलियन एलकेआर का भुगतान करने का आदेश दिया गया, जबकि पूर्व राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख (सीएनआई) सिसिरा मेंडिस को मुआवजे के रूप में 10 मिलियन एलकेआर का भुगतान करने के लिए कहा गया।

सभी मुआवजे का भुगतान पीड़ित कोष में किया जाना है और प्रत्येक पीड़ित को 1 मिलियन एलकेआर का भुगतान किया जाना है।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जयवर्धने के खिलाफ खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

21 अप्रैल, 2019 को, नेगोंबो, बट्टिकलोआ और कोलंबो में तीन चर्चो और राजधानी शहर के तीन लक्जरी होटलों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। उस दिन बाद में, डेमाटागोडा में एक आवास परिसर और देहीवाला में एक गेस्ट हाउस में भी छोटे विस्फोट हुए। इन हमलों में कम से कम 45 विदेशी नागरिक तीन पुलिस अधिकारियों और आठ हमलावरों सहित कुल 269 लोग मारे गए और कम से कम 500 घायल हुए थे।