नई दिल्ली / रावलपिंडी — पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran Khan को लेकर एक बार फिर अफरातफरी छाई हुई है। सोशल मीडिया में उनकी मौत की अफवाहें तेज हो चुकी हैं, वहीं जेल के बाहर उनके परिवार और समर्थकों के साथ हुयी कथित पुलिस बर्बरता ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
उनकी तीन बहन: Noreen Niazi, Aleema Khan, और Dr Uzma Khan, जो कि रावलपिंडी के Adiala Jail के बाहर शांतिपूर्ण मुलाकात की मांग के लिए बैठी थीं, उन पर पुलिस द्वारा कथित “क्रूर और सुनियोजित” हमला किया गया। आरोप है कि 71-साल की Noreen को बाल पकड़कर जमीन पर घसीटा गया, उन्हें फ्लोर पर पटक कर सड़क तक खींचा गया। बाकि महिलाओं और समर्थकों को भी थप्पड़ व धक्का-मुक्की झेलनी पड़ी। पार्टी ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन और राज्यिक अत्याचार करार दिया है।
पुलिस ने अभी तक किसी भी सूचना की पुष्टि नहीं की है कि इमरान खान की मौत हुई है या वे सुरक्षित हैं — अफ़वाहें पूरी तरह अनसत्यापित बनी हुई हैं। वहीं जेल प्रशासन ने कहा है कि खान अकेले बंद में हैं लेकिन उनकी सेहत ठीक है।
Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) ने विरोध जताते हुए कहा है कि वह इस मामले को अदालत तक ले जाएगी और न्याय की मांग करेगी। साथ ही कई लोग देशव्यापी “ब्लैक डे” मनाने को भी कह रहे हैं।
जनता और समर्थकों में भय और असमंजस है — एक ओर मौत की अफवाहें, दूसरी ओर पुलिस की कथित हिंसा और जेल प्रशासन की चुप्पी।