श्रीलंका को भारत के खिलाफ इस्‍तेमाल नहीं होने देंगे : राष्ट्रपति विक्रमसिंघे

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने फ्रांसीसी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हम एक तटस्थ देश हैं, लेकिन हम इस तथ्य पर भी जोर देते हैं कि हम श्रीलंका को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते।"

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  • Publish Date - June 27, 2023 / 01:20 PM IST

कोलंबो, 27 जून (आईएएनएस)। श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दोहराया कि चीन के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं है और वह इस द्वीप राष्ट्र को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने फ्रांसीसी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “हम एक तटस्थ देश हैं, लेकिन हम इस तथ्य पर भी जोर देते हैं कि हम श्रीलंका को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते।”

जब विक्रमसिंघे से श्रीलंका में चीन की उपस्थिति, विशेषकर सैन्य उपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “चीन के साथ हमारा कोई सैन्य समझौता नहीं है; कोई सैन्य समझौता नहीं होगा और मुझे नहीं लगता कि चीन इसमें शामिल होगा।”

राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी वहां लगभग 1,500 वर्षों से हैं और अब तक वहां कोई सैन्य अड्डा नहीं है।

उन्होंने हंबनटोटा बंदरगाह के बारे में स्वीकार किया कि इसे “चीन के व्यापारियों को दे दिया गया है, लेकिन इसकी सुरक्षा श्रीलंका सरकार द्वारा नियंत्रित है”।

उन्होंने आश्वस्त किया, “दक्षिणी नौसेना कमान को हंबनटोटा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।”

“चीनी द्वारा बंदरगाह के सैन्य उपयोग का निश्चित रूप से कोई मुद्दा नहीं है। यही कंपनी कोलंबो बंदरगाह, साउथ पोर्ट में एक टर्मिनल भी चलाती है। यहीं पर सभी देशों से सभी युद्धपोत आते हैं।

उन्होंने कहा, “कोई भी कोलंबो में टर्मिनल के बारे में शिकायत नहीं कर रहा है, लेकिन वे केवल हंबनटोटा बंदरगाह के बारे में शिकायत कर रहे हैं।”