रायपुर, 14 दिसंबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 15 दिसंबर से दो दिवसीय बस्तर दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, सरेंडर नक्सलियों से मुलाकात करेंगे और नक्सल उन्मूलन में शामिल जवानों के साथ चर्चा करेंगे। शाह के बस्तर में रात गुजारने की योजना है, जिससे वे ‘नक्सल-गढ़’ में रात्रि प्रवास करने वाले पहले गृह मंत्री बन जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, शाह सुकमा, बीजापुर या नारायणपुर के अति नक्सल प्रभावित किसी इलाके में स्थित सुरक्षाबलों के कैंप में रात्रि विश्राम कर सकते हैं। उनके ग्रामीणों से मिलने की भी संभावना जताई जा रही है। हालांकि, उनके दौरे का आधिकारिक कार्यक्रम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
यदि शाह इन जिलों के किसी गांव में जाकर रुकते हैं, तो यह ऐतिहासिक होगा। चर्चा में दो जगहें प्रमुख हैं—सुकमा का पूवर्ती गांव और नारायणपुर का अबूझमाड़।
नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा का नाम बस्तर में नक्सलवाद का पर्याय माना जाता है। पुलिस की वांटेड लिस्ट में सबसे ऊपर मौजूद हिड़मा सुकमा जिले के अति संवेदनशील पूवर्ती गांव का रहने वाला है। वर्तमान में वह नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य है और उस पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम घोषित है।
हाल ही में सुरक्षाबलों ने पूवर्ती गांव के नजदीक कैंप स्थापित किया है, जहां से जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इस इलाके में शाह का दौरा न केवल प्रतीकात्मक होगा बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सरकार की मौजूदगी का अहम संदेश भी देगा।
नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ क्षेत्र नक्सलियों की ‘राजधानी’ के रूप में कुख्यात है। यह इलाका नक्सल कैडर का गढ़ माना जाता है। यहां भारतीय सेना का बेस कैंप भी प्रस्तावित है। शाह के इस क्षेत्र के दौरे से न केवल आर्मी बेस के विकास कार्यों का आकलन होगा, बल्कि वे स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर जमीनी हकीकत का भी जायजा ले सकते हैं।
अमित शाह का यह दौरा सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। उनका ‘नक्सल-गढ़’ में रुकना नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की कड़ी मंशा को दिखाता है।