अनाथ बेटी को भूपेश ने लिया गोद!, पढ़ें, दिल को छूने वाला फैसला

By : madhukar dubey, Last Updated : December 20, 2022 | 5:52 pm

छत्तीसगढ़। अगर घर का मुखिया संवेदनशील हो तो परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई विपदा आए, उसे संभाल लेता है। कुछ ऐसा ही अंदाज (Chhattisgarh)  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (Bhupesh) भूपेश बघेल का भी है। जी, हां, ये कोई उनकी तारीफ में कसीदे नहीं, बल्कि उनके एक अनाथ बच्ची को गोद लेने से यह भाव आना स्वभाविक है। आज इनके आम आदमी के दिल को छू लेने वाले फैसले की चर्चा पूरे दिन भर सोशल मिडिया पर होती रही। सच है, यही वह नब्ज है जिसे पकड़कर किसी भी प्रदेश का मुखिया पूरी जनता का चहेता बन सकता है। वैसे इस हुनर में माहिर हमारे मुख्यमंत्री जी हैं।

सोचिए, सड़क हादसे में अपनो को खोकर इस दुनिया में अकेली बेटी पर क्या बीत रही होगी। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बेटी को एक पिता जैसी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आए। जिसकी जितनी भी तारिफ की जाए, कम है। बहरहाल, ये कोई एक वाक्या नहीं है, इन्होंने अपने कार्यकाल में न जाने कितनी प्रदेश की बहन-बेटियों को मुश्किल भरे दौर से उबारा है। नजीर के तौर पर आप स्वंयसहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं को भी देख सकते हैं, जो आज आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार और इस प्रदेश के विकास में सहयोग दे रहीं हैं। यह सब संभव हुआ है तो मुख्यमंत्री भूपेश की वजह से।

खैर छोडि़ए, इनके इस कदम से समाज के सक्षम लोगों को यह संदेश भी जाता है कि अगर समय ने आपको किसी लायक बनाया है तो दूसरे की मदद करने में आगे आएं। इससे भले ही आपको कुछ हासिल हो या न हो। लेकिन समाज में आपकी कीर्ति जो फैलेगी पूरी दुनिया देखेगी। लेकिन अफसोस आज इन अच्छाइयों को लेकर चलने वालों की संख्या नगण्य है।

अगर राजनीतिक चश्मे से भूपेश की इस सराहनीय कदम को देखा जाए तो यह बताती है कि ये इनकी पार्टी के भारत जोड़ो यात्रा के उदेश्य का मूल मंत्र है। क्योंकि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, यह यात्रा नफरत को तोड़ो, पूरे देश को जोड़ो। यानी अपनी जिम्मेदारी समाज के प्रति समझो। एक परिवार की तरह लोगों को समझें। ताकि कांग्रेस पार्टी आम आदमी के परिवार की पार्टी लगे। जिसे भूपेश बघेल ने एक बेटी को सरकार की ओर से गोद लेने की घोषणा कर इसे सच कर दिखाया। वैसे भी पहले भी इनकी यह आदत में शुमार था कि वे किसी भी असहाय का हाथ नहीं छोड़ते। बस, उनके सामने बात आने भर की देरी रहती है।

कुम्हारी प्लाईओवर फ्लाईओवर हादसे में हो गई थी माता-पिता की मौत

पिछले सप्ताह हुए कुम्हारी फ्लाइओवर हादसे में अपने माता-पिता को खो चुकी बच्ची को राज्य सरकार गोद लेगी। मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने लिखा, हादसे में अनाथ हुई बच्ची हम सबकी जिम्मेदारी है। हमने इस बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया है। बच्ची की समस्त जिम्मेदारी अब सरकार की है।

दरअसल ९-१० दिसंबर की रात १२ बजे के करीब कुम्हारी में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर से एक बाइक नीचे गिर गई थी। इस हादसे में रायपुर के चंगोराभाठा निवासी आजू राम देवांगन और उनकी पत्नी निर्मला देवांगन की मौके पर ही मौत हो गई। बाइक पर सवार १३ साल की उनकी बेटी अन्नू देवांगन घायल हो गई थी।

हादसे की जांच में पता चला कि निर्माण एजेंसी ने फ्लाइओवर के एंट्री पर ऐसा कोई अवरोध या साइन नहीं लगाया था, जिससे पता चले कि वह अधूरा है। रात में दुर्ग से रायपुर के लिए निकले आजूराम खतरे का अंदाजा नहीं लगा पाए और फ्लाइओवर पर चढ़ गए। १०० मीटर आगे उन्हें पुल अधूरा दिखा तो उन्होंने ब्रेक लगाया, लेकिन बाइक की स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाई और पति, पत्नी और बेटी के साथ वे नीचे गिर गए। बाद में पहुंची पुलिस ने घायल अन्नू को एम्स पहुंचाया। वहां इलाज के बाद उसको छुट्‌टी मिल गई है। बताया जा रहा है कि मृतक दंपती की तीन बेटियां हैं, जिसमें अन्नू सबसे बड़ी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई हुई, कंपनी ने १५ लाख दिए

इस हादसे की जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने दोषी कंपनी पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उसके बाद निर्माण एजेंसी रॉयल इंफ्रा के इंजीनियर को इसके लिए जिम्मेदार पाया गया। प्रशासन से बातचीत के बाद कंपनी ने अन्नू देवांगन को १५ लाख रुपए देने की घोषणा की। बाद में प्रशासन ने यह चेक बच्ची को दिलवाया।

फ्लाइओवर निर्माण कंपनी का सीनियर इंजीनियर गिरफ्तार

हादसे के लिए फ्लाइओवर निर्माणी कंपनी रॉयल इंफ्रा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदार बताते हुए दुर्ग पुलिस ने पिछले मंगलवार को कंपनी के सीनियर इंजीनियर पीयूष पाढ़ी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर जितेंद्र जैन, श्रेयांश जैन, प्रोजेक्ट हेड अनिरुद्ध जैन और प्रोजेक्ट मैनेजर सांतनु मलिक को भी आरोपी बनाया है।