रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के परिवहन विभाग (Transport Department) की नवाचारी पहल से वाहन मालिकों को बड़ी सुविधा मिली है और बैंक हाइपोथिकेशन (Bank Hypothecation) से जुड़ी सेवाओं को फेसलेस करने से अब वाहन मालिक घर बैठें ही हाइपोथिकेशन हटाने की सेवा का लाभ ले रहें हैं। हाइपोथिकेशन के लिए वाहन मालिकों को अब बैंक और आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती है और ना ही फॉर्म 35 या बैंक से एनओसी लाने की ज़रूरत पड़ती है। अब तक राज्य के 1 लाख 29 हजार 567 वाहन मालिकों को फेसलेस हाईपोथीकेशन टर्मिनेशन का लाभ मिल चुका है। परिवहन विभाग द्वारा लगभग 75 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर वित्तीय कंपनियों को हाइपोथीकेशन सेवाओं के साथ एकीकृत भी कर दिया गया है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए पहले परिवहन विभाग में पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता होती थी। इसके लिए पहले वाहन स्वामी को बैंक जा कर फॉर्म 35 और एनओसी लेना पड़ता था फिर आरटीओ में ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता था उसके बाद फॉर्म और एनओसी को जमा करने आरटीओ ऑफिस जाना पड़ता था। जिसे अब पूर्णतः फेसलेस कर दिया गया है। हाइपोथिकेशन समाप्ति के लिए आरटीओ कार्यालय द्वारा भौतिक दस्तावेज देने की ज़रूरत नहीं है।
ऋण देने वाली संस्थाओं के द्वारा जैसे ही लोन क्लोज किया जाएगा वो जानकारी 24 घंटे के भीतर परिवहन विभाग के वाहन सर्वर में ऑनलाइन अपडेट हो जाएगी। इसके बाद किसी भी भौतिक दस्तावेज या आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लोन क्लोज़र के बाद परिवहन विभाग में हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन को सत्यापित और अनुमोदित करने का काम स्वतः ही हो जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा हाइपोथिकेशन के स्वतः टर्मिनेशन के बाद एम परिवहन तथा डीजी लॉकर पर अपडेटेड आरसी उपलब्ध करा दी जाएगी और एसएमएस के माध्यम से हाइपोथिकेशन हटाने की सूचना वाहन मालिकों को मिलेगी।
क्या होता है हाइपोथैकेशन- जब भी कोई गाड़ी किसी बैंक से लोन लेकर ख़रीदी जाती है तो एक तरह से गाड़ी बैंक के पास गिरवी या बंधक होती है। आप लोन लिए ह्यूज गाड़ी में कोई भी कार्य बैंक के अनुमति के बिना नहीं कर सकते है।
आपकी गाड़ी हाइपोथैकेशन में है, यह जानने के लिये आप आरसी में देखेंगे तो यदि नीचे बैंक का भी नाम लिखा है तो वो गाड़ी बैंक के पास बंधक है जब लोन पटा दिया जाता है तो हाइपोथैकेशन हटाने से बैंक का नाम हट जाता है।
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