लखपति दीदी से करोड़पति बनने की राह पर बिहान दीदी अनीता साहू

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जिले में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर

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  • Updated On - October 5, 2024 / 08:55 PM IST

            ईट का व्यापार से प्रतिदिन 10 हजार का शुद्ध लाभ

रायपुर/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जिले में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार(Self employment to local women) के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो इसके लिए स्व सहायता समूह गठित कर विविध गतिविधियों से जोड़कर नए नए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। और जिले के महिला आर्थिक रूप से मजबूत बनकर लखपति दीदी(Lakhpati Didi) के रूप में जाने जा रहे है।

यह कहानी एक ऐसी महिला की है जो करोड़पति बनने की राह पर अग्रसर है जिसने एक मिसाल कायम किया है और न जाने कितनों को प्रेरित कर रही है। अनिता साहू जशपुर जिले के काँसाबेल विकासखण्ड की नरियाड़ाँढ ग्राम पंचायत प्रगति महिला ग्राम संगठन में नारी शक्ति स्व सहायता समूह की सदस्य है और कल्पना संकुल संगठन चेतना के अंतर्गत एफएलसीआरपी के पद पर बिहान कार्यक्रम से जुड़ी हुई है। आज उद्यमिता विकास के क्षेत्र में इनका नाम सबसे आगे है, अपनी सोच की बदौलत इस मुकाम में पहुंची है। 2016 के सी आरपी राउंड मे समूह से जुड़ी और 2017 मे एफएलसीआरपी बनी। शिक्षक पति अपने अध्यापन कार्य मे वयस्त रहते थे अनीता ने सोचा क्यों नहीं छोटा-मोटा कार्य कर अपनी आय में वृद्धि की जाए, उसने यू ट्यूब देखा और फ्लाई एश ब्रिक्स बनाने का कार्य शुरू करने की सोची । 2017 में बैंक लिंगकिज के माध्यम से 1 लाख रुपये का लोन लिया एवं सीआइएफ से 60 हजार की राशि लेकर करीब डेढ़ लाख में फ्लाई एश ब्रिक्स बनाने का छोटा मशीन खरीदा और बिजनस शुरू किया। आस पास से मांग आने लगी और धीरे धीरे पहचान बनने लगी और लाभ होने लगा। समूह की अन्य 3 दीदियों को कार्य से जोड़ मांग की अधिकता एवं लाभ कमाने लगी और व्यापार मे इनकी सोंच बढ़ने लगी की और ज्यादा उत्पादन किया जाने लगा

सकारात्मक सोच से अनिता की दशा दिशा बदल गई उसने 15 लाख का लोन लिया। 13 लाख का हीपकों फ्लाई एश ब्रिकक्स मशीन खरीदा 1.5 लाख मे 20 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया और उत्पादन शुरू कर दिया। आज के दिनों मे 8 समूह सदस्य 3 पुरुष काम कर रहे हैं हैं और प्रतिदिन 10000 ईट का उत्पादन कर प्रतिदिन खर्च काट कर 10000 रु प्रतिदिन शुद्ध लाभ कमा रह है। महीने में 22-25 दिनों के कार्य से 2.2 लाख से लेकर 2.5 लाख की मासिक आमदनी हो रही है। शुद्ध करीब 10000 का मासिक विद्युत खर्च भी वहन कर रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम उनसे हिसाब किताब के बारे में जानकारी लेने गई थी।

शासकीय मांग के अनुसार प्रधानमंत्री आवास निर्माण में 8 इंच एवं 9 इंच ईट की आपूर्ति प्रतिदिन की जा रही है। कच्चा माल (एश) खरसिया रायगढ़ से आता है, हाइवा मे करीब 30 टन, 650 रु प्रति टन के हिसाब से खरीदा जाता है, जो मात्र ढुलाई खर्च होता है एश मुफ़्त मे मिलता है । इसके अतिरिक्त रेत एवं सिमेन्ट भी लगता है और केमिकल भी इस्तेमाल होता है। 1 ईट तैयार करने मे 3.20रु लगता है जो 4 रु से 4.25 रु तक बिकता है और भी तकनीकी पहलू हैं। परंतु यह ईट लोकप्रिय है, इसकी मांग पूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है इसलिए प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाने की सोंच अनीता साहू ने अपने जहन मे रखा है ।
अनीता साहू की बातों मे मेहनत और आत्मविश्वास की मुस्कान झलक रही थी, बहुत ही शालीनता से अपनी बात मनोरा से भ्रमण करने वाली समूह की दीदियों को बता रही थी । मनोरा की दीदियां भी उत्साहित है और फ्लाई एश ब्रिकक्स का व्यापार करने हेतु उद्योग विभाग से मिलने जा रही है, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिला दल उनका सहयोग कर रहें हैं। अनीता साहू ने जिस तरह की मिसाल प्रस्तुत किया है उस से सभी बहुत प्रेरित है।