रायपुर। प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप (State BJP General Secretary Kedar Kashyap) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने पर रायपुर में मुख्यमंत्री (Chief Minister Bhupesh), उपमुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं के धरना प्रदर्शन को कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति का ताजा उदाहरण बताते हुए कहा है कि कांग्रेस का संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर पर न तो विश्वास रहा है और न ये इनका सम्मान करते। कांग्रेस एक परिवार को संविधान से ऊपर समझती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलने वाले देश में अधिनायकवाद चलाती रही है। महामंत्री केदार कश्यपने कहा आज अगर देश की सत्ता में कांग्रेस काबिज होती तो राहुल को अदालत से दो साल की सजा मिलने पर देश में आपातकाल लगा दिया जाता। राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने यही किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द कर दिया तो कानून का पालन करने की बजाय लोकतंत्र को कुचलकर देश पर आपातकाल थोप दिया था। कांग्रेस इस परिवार की करतूतों पर परदा डालने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि एक चार्जशीटेड मुख्यमंत्री ने अपने सियासी कुनबे के साथ बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने अपने सजा प्राप्त आका के समर्थन में जो कुछ भी कहा, वह अदालत का अपमान है। उच्च न्यायालय ने राहुल की याचिका खारिज करते हुए साफ कहा है कि उनके विरुद्ध दस मामले पेंडिंग हैं। सेशन कोर्ट के फैसले में दखल देने का कोई आधार नहीं है। राहुल को दी गई सजा न्यायसंगत है। दूसरी तरफ यहां भूपेश बघेल इस फैसले पर कह रहे हैं कि भाजपा राहुल गांधी से डरते हैं। राहुल न झुकेंगे, न रुकेंगे। मतलब साफ है कि भूपेश बघेल का इशारा न्यायिक फैसले पर अपमानजनक टिप्पणी है। क्योंकि निचली अदालत ने ही उन्हें सजा दी है और उच्च न्यायालय ने उसे सही माना है। कांग्रेस असंतुष्ट है तो वह सर्वोच्च न्यायालय जाए। राहुल की बेगुनाही साबित करे। उसे किसी ने नहीं रोका है। आखिर भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन करने की जरूरत क्या है?क्या उनका यह धरना न्याय व्यवस्था के खिलाफ नहीं है?
प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जब देश के स्वातंत्र्य वीरों के आर्थिक सहयोग से बनी नेशनल हेराल्ड की हजारों करोड़ की संपत्ति के घोटाले में ईडी मां- बेटे से पूछताछ करने बुलाती है तो कांग्रेसी भ्रष्टाचारियों की बारात लेकर ईडी दफ्तर के सामने नाचने कूदने पहुंच जाते हैं। जब दिल्ली में राहुल से पूछताछ हुई तो वहां जाकर भी ड्रामा किया। कांग्रेस का चरित्र छत्तीसगढ़ की जनता देख रही है कि यहां जिस मुख्यमंत्री पर कानून का राज चलाने की जिम्मेदारी है, वह जंगल राज चला रहा है और न्याय के मंदिर से दंड प्राप्त अपराधी के समर्थन में संवैधानिक व्यवस्था को ललकार रहा है।
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