दंतेवाड़ा। झीरम कांड की आज 10वीं (Today is the 10th anniversary of the Jheeram incident) बरसी है। सन 2013 में नक्सली हमले में कांग्रेस के बड़े नेताओं सहित 32 शहीद हो गए थे। इसमें शहीद बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर महेंद्र कर्मा भी शहीद हुए थे। इनके बड़े बेटे व कांग्रेस नेता छबिंद्र कर्मा (Congress leader Chhabindra Karma) ने घटना के दौरान तात्कालीन बीजेपी सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा, ये सामान्य घटना नहीं हैं, चूंकि उस दौरान प्रदेश में पटेल, विद्याचरण शुक्ला और मेरे पिता लगातार परिवर्तन यात्रा चल रही थी। सरकार को पता था, कि पूरा रूट चार्ज पता था, परिवर्तन यात्रा कोंटा जाएगी इसके बाद केसलूर आएगी। जब उतने बड़े नेता जा रहे थे तो सरकार की इंटेलिजेंस क्या कर रही थी। इसमें सरकार का इतना बड़ी घटना में इनवाल्वमेंट था। इतनी बड़ी घटना के बाद 3 घंटे तक फोर्स नहीं पहुंची। सरकार इस घटना में इनवाल्टमेंट था। ये हम लोगों का दुर्भाग्य है कि आज झीरम घटना को 10 साल हो गया है।
इस घटना के दौरान यूपीए सरकार थी। लेकिन उस दौरान भाजपा की सरकार थी। उस घटना में भाजपा सरकार ने कोई जांच में सहयोग नहीं की। कहा, उस दौरान हम राहुल गांधी से मिले थे, उस दौरान उन्होंने कहा था, लोकल एजेंसियां इसमें सहयोग नहीं कर रही है। राहुल ने कहा था, अगर हम लोगों की सरकार प्रदेश में आएगी तो जरूर जांच करेंगे। कहा, सरकार तो आई लेकिन जांच नहीं हुई।
कहा, उस दौरान हमारे बड़े-बड़े नेता और जवान शहीद हो गए। उस दौरान लखमा, अजित जोगी , अमित जोगी का हमने नाम लिया था। लेकिन हम जानना चहा रहे हैं, इसमें सच्चाई क्या है। कहा, चलिए आज अजित जोगी नहीं हैं। लेकिन कवासी लखमा झीरम नक्सली हमले के दौरान वे भी साथ में थे। उधर अमित जोगी जी जंगल में क्या कर रहे थे। हम तो शुरू से इनकी नारको टेस्ट कराने की बात कहते आ रहे हैं। मेरा किसी पर कोई आरोप नहीं है। हमने अपने लोगों को खाेया है। इसलिए चाह रहे हैं। जांच हो ताकि सच्चाई का पता चले। कौन लोग इस घटना में इनवाल्व था। हम लोग कांग्रेस परिवार के है। हम न्याय चाहते थे। अगर कोई इसमें इनवाल्व था, तो हम भी जानना चाहते हैं, ऐसी क्या दुश्मनी थी। जो इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया।
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