छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, परिसर खाली कराकर सुरक्षा जांच

By : hashtagu, Last Updated : June 10, 2025 | 4:19 pm

बिलासपुर:  गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh Highcourt) में जैसे ही सामान्य कार्यवाही शुरू हुई, दोपहर के वक्त अचानक एक धमकी भरा ईमेल हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर प्राप्त हुआ। इसमें दावा किया गया कि कोर्ट परिसर में अमोनियम सल्फर आधारित IED लगाया गया है और उसे उड़ाने की योजना है। ईमेल में जिस संगठन का नाम लिया गया वह है – ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’

ईमेल अब्दुल नामक व्यक्ति की आईडी abdia@outlook.com से भेजा गया था, जिसमें संवेदनशील घटनाओं का उल्लेख करते हुए इसे एक ‘पवित्र मिशन’ करार दिया गया। ईमेल में अजमल कसाब को दी गई फांसी और कुछ व्यक्तियों की हिरासत का हवाला दिया गया है।

कोर्ट परिसर खाली, पुलिस व बम स्क्वॉड ने की जांच

धमकी के तुरंत बाद हाईकोर्ट प्रशासन और पुलिस अलर्ट हो गए। कोर्ट परिसर में मौजूद जज, अधिवक्ता, वादी और अन्य लोगों को तत्काल बाहर निकाला गया। सुरक्षा बलों ने बम स्क्वॉड और स्निफर डॉग्स की मदद से पूरे परिसर की गहन तलाशी ली, हालांकि कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई।

प्रोटोकॉल अफसर ने जैसे ही मेल देखा, उसने तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचना दी। मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां संबंधित थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और ईमेल की तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है।

बीते महीनों में भी मिल चुकी हैं ऐसी धमकियां

यह पहली बार नहीं है जब राज्य में इस तरह की धमकी सामने आई है। करीब दो महीने पहले कवर्धा कलेक्टर कार्यालय को भी RDX से उड़ाने की धमकी दी गई थी। वह मेल कश्मीर से आया था और कलेक्टर कार्यालय की आधिकारिक आईडी पर भेजा गया था। वहीं, आठ महीने पहले बिलासपुर से दिल्ली जा रही एक उड़ान को बम से उड़ाने की धमकी भी दी जा चुकी है।

पुलिस जांच में जुटी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

हाईकोर्ट की वेबसाइट पर धमकी भेजे जाने के तरीके और मेल की भाषा से इसे गंभीरता से लिया गया है। ईमेल ट्रैक करने और उसकी स्रोत जानकारी जुटाने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है। शुरुआती जांच में इसे असामाजिक तत्वों की साजिश माना जा रहा है, हालांकि इस दिशा में पुलिस कई पहलुओं की जांच कर रही है।

सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि फिलहाल कोई विस्फोटक नहीं मिला है, लेकिन मामले की जांच जारी रहेगी और कोर्ट की सुरक्षा को लेकर भविष्य में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी।