छत्तीसगढ़ : गेल इंडिया के खेत में पाइप लाइन बिछाने पर क्यों भड़के किसान, इसकी ये वजह

गेल इंडिया कंपनी अपने एक प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पाइप लाइन बिछा रही है। लेकिन खेतों में बिछाई जा रही पाइप लाइन को लेकर किसानों

  • Written By:
  • Updated On - December 8, 2024 / 05:53 PM IST

  • परेशान किसान उचित मुआवजा नहीं देने का लगा रहे आरोप

बलौदाबाजार। गेल इंडिया कंपनी अपने एक प्रोजेक्ट(GAIL India Company one of its projects) को पूरा करने के लिए पाइप लाइन बिछा रही है। लेकिन खेतों में बिछाई जा रही पाइप लाइन को लेकर किसानों में नाराजगी(Dissatisfaction among farmers regarding pipeline) है। उनका कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है।
ज्ञात हो कि ओडिशा से मुंबई तक गेल इंडिया कंपनी द्वारा मुख्य लाइन बिछाई जा रही है. इसमें हर 20- 20 किलोमीटर में एक एचबी स्टेशन बनेंगे, जहां से गांव-गांव में घरेलू गैस सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। केंद्र सरकार के इस महती योजना के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करने के बाद से लगातार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। इधर किसानों का आरोप है कि गेल इंडिया के तरफ से एसडीएम भाटापारा को पत्र लिखकर पाइप लाइन बिछाने के लिए पुलिस बल मुहैया कराने की मांग की गई है।

बलौदा बाजार भाटापारा जिले के किसान गेल इंडिया की पाइप लाइन बिछाने से परेशान हैं। सही जानकारी, उचित मुआवजा राशि और प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर किसानों ने नाराजगी जताई है। वहीं कुछ किसान कलेक्टर जनदर्शन में, तो कुछ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए जमीन का उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी पाइप लाइन बिछाने डाल रहे दबाव

इधर गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पाइप लाइन बिछाने के लिए किसानों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि जो मुआवजा दिया जा रहा है, उचित नहीं है. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि कंपनी बिना ही किसानों को विश्वास में लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है।

पाइपलाइन के दोनों तरफ 20-20 मीटर की जमीन ली जा रही

किसानों का कहना है कि कंपनी के द्वारा किसानों से पाइपलाइन बिछाने के बाद पाइपलाइन के दोनों तरफ 20-20 मीटर की जमीन ली जा रही है. इस जमीन पर किसान भविष्य में ना तो कोई निर्माण कर सकता है और नहीं बोरवेल खुदवा सकते हैं। वहीं कंपनी के तरफ से कोई अधिकृत जानकारी भी नहीं दी जा रही है कि किसके लिए यह पाइपलाइन बिछाई जा रही है, पहले गुपचुप तरीके से सर्वे करने के बाद मुआवजा दिए बिना ही सीधे पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है।

किसानों का कहना है कि जो मुआवजा दिए हैं, वह उचित नहीं है. किसानों का आरोप है कि प्रशासन के तरफ से किसानों की कोई मदद नहीं की जा रही है, उल्टे प्रशासनिक अधिकारी गैस पाइपलाइन बिछा रही गेल इंडिया का ही समर्थन करते हुए किसानों पर जमीन देने के लिए दबाव बना रहे हैं।

एसडीएम भाटापारा नितिन तिवारी का ये है कहना

एक मिडिया को दिए अपने बयान में एसडीएम भाटापारा नितिन तिवारी ने बताया कि पूरे जिले के साथ ही राज्य में गेल इंडिया कंपनी द्वारा पाइपलाइन बिछाने का काम हो रहा है, जिसमें नेचुरल गैस की सप्लाई का काम होगा, वर्तमान में भाटापारा के 6 गांव में अभी काम चल रहा है, किसानों में भ्रम की जो स्थिति है वो गैस पाइपलाइन के 20 मीटर में कंस्ट्रक्शन होगा, वह सही नहीं है. सरकार के प्रावधानों के तहत कंपनी द्वारा भू- स्वामियों को उसके बदले उचित मुआवजा दिया जा रहा है।

 

यह भी पढ़े :    महादेव बुक सट्टा : ईडी ने एक दिन में जब्त की 388 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति