श्रमिकों की बेटियां बन रहीं आत्मनिर्भर! खाते में आए 20-20 हजार रुपए

श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) की मंशा के अनुसार प्रदेश के श्रमिक........

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  • Updated On - June 23, 2023 / 01:01 PM IST

रायपुर। श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) की मंशा के अनुसार प्रदेश के श्रमिक परिवारों की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना (Chief Minister Noni Empowerment Assistance Scheme) शुरू की गयी है। महासंमुद जिले में इस योजना के तहत पंजीकृत 2714 हितग्राहियों की पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए के हिसाब से कुल राशि 5 करोड़ 42 लाख 80 हजार रूपए का भुगतान किया गया है। इस योजना से श्रमिकों की बेटियां अब सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

महासमुंद भोरिग निवासी हितग्राही नीलकंठ साहू की बिटिया कु. विकेश्वरी साहू व मोनिका साहू ने बताया कि इस योजना की राशि उनके बैंक खातें में आ गयी है। उन्होंने यह राशि अपनी आगे कॉलेज की पढ़ाई के लिए सहेज कर रखी है। बड़ी बेटी बी.ए. सेकंड ईयर में है और छोटी बेटी 12वीं पास कर कॉलेज में गई है । इस राशि का उपयोग वे अपने आगे की कॉलेज की पढ़ाई पर खर्च करेंगे। शासन की इस योजना से उनका परिवार बहुत खुश है। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।

योजना के लिए पात्रता

यह योजना लाभार्थियों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ सामाजिक सहायता भी प्रदान कर रही है। श्रमिक परिवारों की बेटियों को शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार के साथ ही उनके विवाह में यह राशि मजबूत सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक ही पात्र है। पात्रधारियों को योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना की अधिकारिक वेबसाइट cglabour.nic.in पर ऑन लाइन पंजीयन करना होगा। इस योजना में श्रमिक/मजदूर परिवार बेटी जिसकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो तथा वह अविवाहित हो उन्हें 20-20 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।

योजना का उद्देश्य

योजना का उद्देश्य है कि श्रमिक/मजदूर परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर होता है। इस कारण इस परिवार के बच्चों को खास तौर पर बेटियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है। इसलिए वे पढ़ाई से दूर हो जाती है। इस कारण उनके आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषण की संभावना बनी रहती है। श्रमिक परिवार की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जाती है।

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