डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह : भूपेश बघेल बोले, पाटन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की धरती

पाटन की धरती स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की धरती है। अंग्रेजों के कुशासन के विरूद्ध आवाज उठाने का साहस इस धरती के सपूतों ने किया। हम उन्हें .

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  • Publish Date - July 30, 2023 / 09:05 PM IST

दुर्ग। पाटन की धरती स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की धरती है। अंग्रेजों के कुशासन के विरूद्ध आवाज उठाने का साहस इस धरती के सपूतों ने किया। हम उन्हें नमन करते है। यह बात दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम दरबार मोखली में आयोजित मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज पाटन राज के डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह (Dr. Khoobchand Baghel Jayanti Celebration) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कही।

यहां पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री घनाराम बंछोर तथा स्वर्गीय श्री गैंदलाल बंछोर की प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही उन्होंने दरबार मोखली में 46 लाख 88 हजार रूपए की लागत से जल संसाधन विभाग के नवनिर्मित रेस्ट हाउस का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने ग्राम दरबार मोखली और सेमरी एक करोड़ 21 लाख 75 हजार रूपए के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया।

ग्राम दरबार मोखली में डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह का किया गया आयोजन

समारोह को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि मुझे इस बात की गहरी खुशी है कि दरबार मोखली मेरा पड़ोसी गांव है, जहां स्वतंत्रता संग्राम में हमारे पूर्वज शामिल हुए। स्वर्गीय गैंदलाल बंछोर क्षेत्र के पहले वकील थे। गांधी जी से प्रेरणा लेकर वे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। उन्होंने उस दौर में छतर सिंह को जो पत्र लिखे हैं उनके विवरण देखे तो पाएंगे कि कितना कठिन संघर्ष हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई के दौरान किया। डॉ. खूबचंद बघेल के गीत ’गजब विटामिन भरे हुए है, छत्तीसगढ़ के बासी मा’ गीत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज न केवल अंग्रेजों से स्वतंत्रता चाहते थे, अपितु ऐसी व्यवस्था चाहते थे, जिसे अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति गौरव हो। हमने अपने पूर्वजों के दिखाए रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को सहेजने की दिशा में कार्य किया है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री घनाराम बंछोर और श्री गैंदलाल बंछोर की प्रतिमा का किया अनावरण

हमने बोरे-बासी दिवस मनाकर छत्तीसगढ़ की खान-पान परम्परा तथा मेहनतकश संस्कृति का उत्सव मनाया है। आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी सुंदर और विशिष्ट संस्कृति को लेकर हुई है। हमने अपने गीत-संगीत, कला, कौशल को राष्ट्रीय मंच प्रदान किया। पहली बार आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश के कलाकारों ने हिस्सा लिया। हम छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक पौराणिक धरोहरों को सहेजने का कार्य कर रहे हैं। प्रत्येक जिले में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, जो हमारे पूर्वजों का सपना था वो अब पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल की 100वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य बना था, लेकिन राज्य बनने का सही मायने में एहसास अब हुआ, जब हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी एवं ग्रामीण विकास की योजनाओं की चर्चा भी की। साथ ही विविध क्षेत्रों में हुए सकारात्मक बदलाव की चर्चा भी की। उन्होंने दरबार मोखली में हाई स्कूल के उन्नयन व शीतला तालाब के सौंदर्यीकरण की घोषणा भी की।

छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवा राम वर्मा ने छत्तीसगढ़़ राज्य के प्रथम स्वप्नद्रष्टा डॉ. खूबचंद बघेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को विस्तार पूर्वक रेखांकित किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय गैंदलाल बंछोर और स्वर्गीय घनाराम बंछोर के जीवनी पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा, जनपद पंचायत पाटन के उपाध्यक्ष देवेंद्र चंद्रवंशी, जनपद सदस्य वेदना वर्मा, सभापति महिला बाल विकास दुर्गा नेताम, सरपंच आशीष बंछोर, शंकर बघेल एवं राजेश ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक पदाधिकारीगण मौजूद थे।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

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