सरकार अपने मंत्री टीएस सिंहदेव की जमीनों की कराएगी जांच, बोले, सबको मालूम किसके इशारे पर हो रहा

स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा के अधिकारियों पर कांग्रेस के विधायक द्वारा मनमानी करने के आरोप लगाने के बाद अब इनकी ही सरकार के राजस्व विभाग इनकी पुस्तैनी जमीनों की जांच करेगी। इसके लिए बकायदा टीम भी बना दी गई है।

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  • Publish Date - December 1, 2022 / 02:21 PM IST

छत्तीसगढ़। स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा के अधिकारियों पर कांग्रेस के विधायक द्वारा मनमानी करने के आरोप लगाने के बाद अब इनकी ही सरकार के राजस्व विभाग इनकी पुस्तैनी जमीनों की जांच करेगी। इसके लिए बकायदा टीम भी बना दी गई है। चौंकाने वाली बात है की सरकारी जमीनों को खुद का बताकर बेचने की शिकायत शासन से की थी, जिसके बाद यह आदेश जारी किए हैं।
इसके लिए अंबिकापुर नजूल तहसीलदार ने टीम भी बना दी है। जांच पूरी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। आरोप है कि शासकीय मद की जमीनों को भी सिंहदेव और सरगुजा राजपरिवार के नाम पर नामांतरित किया गया है। वहीं सिंहदेव का कहना है कि उनकी जमीनों की पहले भी जांच हो चुकी है। यह किसके कहने पर हो रहा है, पूरी दुनिया को पता है।

भाजपा नेता ने किया था शिकायत

दरअसल, अंबिकापुर के भाजपा नेता आलोक दुबे ने जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री सचिवालय सहित राज्यपाल और चीफ सेक्रेटरी को कुछ दस्तावेजों के साथ शिकायत भेजी थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि, छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री टीएस सिंहदेव व उनके परिवार ने करोड़ों रुपये की जमीन फर्जी तरीके से अपने नाम कराकर बेच दी है। इसके बाद ही मामले की जांच के आदेश हुए हैं।

राज्य शासन से आया है जांच का निर्देश

सूत्रों के मुताबिक राज्य शासन से सरगुजा कलेक्टर को जांच के लिए निर्देश आया है। इसके परिपालन में नजूल तहसीलदार अजय गुप्ता ने 23 नवंबर की तारीख पर हस्ताक्षरित आदेश में जांच टीम का गठन किया है। जांच टीम में राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, आशीष गुहा, विजय श्रीवास्तव, राजबहादुर सिंह व पटवारी महेंद्र गुप्ता व श्रवण पांडेय शामिल हैं। नजूल तहसीलदार अजय गुप्ता ने कहा कि शिकायत की जांच के लिए टीम बनाई गई है।

शिकायत में लगाया गया यह आरोप

शिकायत में पार्षद आलोक दुबे ने आरोप लगाया है कि आजादी के बाद 25 मार्च 1948 को सरगुजा रियासत के विलिनीकरण हुआ और मर्जर एग्रीमेंट तैयार किया गया। इस इन्वेंट्री में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कौन सी जमीनें राजपरिवार को दी जाएंगी व कौन सी जमीनें सरकार की होंगी। आरोप है कि मंत्री टीएस सिंहदेव व उनके पिता तत्कालीन मप्र सरकार के मुख्य सचिव होने के नाते अपने राजनैतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए सरकार से जमीनें वापस लेकर अपने व परिवार के सदस्यों के नाम करा लीं।

राजस्व खाते से रिकॉर्ड गायब मिला

अंबिकापुर के राजस्व रिकार्ड रूम में खाता संख्या 01 से 15 तक का रिकार्ड गायब है। इसमें शिक्षा विभाग की 20 डिसमिल जमीन भी राजपरिवार के नाम दर्ज कर ली गई। अंबिकापुर में तालाब के नाम पर सेटलमेंट रिकार्ड में दर्ज 52.06 एकड़ का मद परिवर्तित कराकर इसे बेच दिया गया है। इसके अलावे अन्य शासकीय जमीनों को अपने नाम दर्ज कराकर उनका विक्रय कर दिया गया।

टीएस बोले, खुली किताब है, और जांच करा लें’

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि जांच किसके कहने पर और कौन करा रहा है। पहले भी कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक जांच कर चुके हैं।
भाजपा शासनकल में भी जांच हो चुकी है। इसके बावजूद बार-बार जांच क्यों हो रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। आजादी के बाद रियासतों को मर्ज किया गया था तब अंतराष्ट्रीय कानूनों के तहत सरकार की सहमति से ही संपत्ति का हक तय किया गया था। यह खुली किताब है, कोई भी देख सकता है। इसकी और भी जांच करवा लें, वे स्वतंत्र हैं।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष बोले, एक-दूसरे को निपटाते खुद निपट जाएंगे

मंत्री टीएस सिंहदेव की जमीन की जांच के आदेश को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस राज में हत्याओं का दौर जारी है। किसी की चरित्र हत्या तो कभी किसी कि राजनैतिक हत्या। कांग्रेस के नेता एक-दूसरे को निपटाने में लगे हैं। जनता की इस सरकार में सुध नहीं है। एक-दूसरे को निपटाते कांग्रेस पार्टी निपट जाएगी।

कलेक्टर बोले, किसका आदेश है जांच कराएंगे

सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि, इस तरह के किसी आदेश की उनको जानकारी नहीं है। आदेश कैसे हुआ है, इसकी जांच कराएंगे।