कर्रेगुट्टा ऑपरेशन: नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ में घुसी फोर्स, 20 से अधिक नक्सली मारे गए, 18 शव बरामद
By : ira saxena, Last Updated : May 7, 2025 | 12:38 pm

बस्तर-हैदराबाद बॉर्डर | देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे अब तक के सबसे बड़े समन्वित ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा (Karregatta) की पहाड़ी पर पिछले 24 घंटों से चल रही भारी मुठभेड़ में 20 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है, जिनमें से 18 शव बरामद कर लिए गए हैं।
यह कार्रवाई उन दुर्लभ अभियानों में से है जहाँ 15 दिन की कठिन पहाड़ी चढ़ाई और खुफिया इनपुट्स के बाद फोर्स नक्सल ठिकानों तक पहुँची।
एनकाउंटर अभी भी जारी, ऑपरेशन के बाद हो सकती है पूरी पुष्टि
हालांकि अब तक अधिकारियों ने कुल हताहतों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने कहा कि ऑपरेशन पूरे क्षेत्र में फैला है और अभी भी चल रहा है। फोर्स द्वारा 303 राइफलें, भारी मात्रा में विस्फोटक, नक्सल साहित्य और IED उपकरण बरामद किए गए हैं।
महिला नक्सली दस्ते को लगा झटका
पिछले दो हफ्तों से इस क्षेत्र में सक्रिय नक्सली दस्ते पर दबाव बन रहा था। अब तक कुल 4 महिला नक्सलियों को मारा गया है, जिनमें से 3 पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। बीते रविवार को हुई मुठभेड़ में भी एक महिला नक्सली मारी गई थी।
IED ब्लास्ट में CRPF कमांडेंट घायल
एनकाउंटर के दौरान सोमवार को CRPF के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे एक IED विस्फोट की चपेट में आ गए, जिसमें उन्हें पैर गंवाना पड़ा। उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स भेजा गया, जहाँ उनका इलाज जारी है। इस पर राज्य मंत्री रामविचार नेताम ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है।
सरेंडर की अपील और बढ़ती दबिश
बस्तर में पिछले डेढ़ साल में 350 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। अब ऑपरेशन की रणनीति सीधे शीर्ष कैडर्स और बड़े कमांडरों को निशाने पर लेने की है। बस्तर IG ने कहा कि बचे हुए नक्सलियों से सरेंडर की अपील की गई है, लेकिन ऑपरेशन किसी भी सूरत में नहीं रुकेगा।
नक्सलवाद के खात्मे की ओर निर्णायक कदम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व में मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के पूरी तरह सफाए का लक्ष्य रखा था। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी नक्सल विरोधी अभियानों को गति देने के लिए नीति-स्तर पर कई कदम उठाए हैं और सभी घटनाक्रमों की रिपोर्ट नियमित रूप से केंद्र सरकार को प्रेषित की जा रही है।