फ्लाई ऐश के परिवहन की ‘मॉनिटरिंग’ होगी सख्त! मंत्री ओपी चौधरी की अफसरों को दो टूक

  • Written By:
  • Updated On - August 2, 2024 / 07:37 PM IST

  • आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने ली छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक
  • पर्यावरण विभाग के प्रदेश स्तरीय एवं जिला कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी. टी.वी. कैमरा लगाने एवं मानिटरिंग हेतु डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश
  • फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश
  • पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में पारिदर्शिता एवं तत्परता लाने के निर्देश
  • पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये : मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी

रायपुर, 02 अगस्त 2024/ आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी (Housing and Environment Minister O.P. Chowdhary) ने आज यहां अटल नगर नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (Chhattisgarh Environment Protection Board) के कार्यालय में राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा स्व-प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण से जुडे कार्यों में अपना योगदान दे। उनके द्वारा कार्यों में पारदर्शिता एवं तत्परता हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने एवं डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश दिये गये ताकि डैश बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की जा सके। चौधरी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को मिलने का समय भी निर्धारित कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर लगाने कहा।

  • चौधरी द्वारा उद्योगों द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन एवं निपटारे हेतु नियमों के पालन कड़ाई से कराने हेतु निर्देश दिया गया। फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश दिये, जिससे कि फ्लाई ऐश इधर-उधर न फेंका जा सके।

चौधरी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उद्योगों को प्रदान किये गये पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये तथा उद्योगों केवल वृक्षारोपण करने तक सीमित ना रहें अपितु लगाये गये पौधों के संवर्धन हेतु भी निरीक्षण का एक सिस्टम तैयार किया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वें अपने-अपने क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करायें एवं इन पेड़ों में पीपल, नीम आदि पेड़ शामिल किये जाए। श्री चौधरी ने वाहन प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देते हुये निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी वाहन प्रदूषण मापन प्रदूषण जाँच सिस्टम को शक्तिशाली बनाये एवं वाहन प्रदूषण मापन केन्द्रो की समय-समय पर बैठक आयोजित करें।

  • चौधरी ने अधिकारियों से चर्चा में कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उठाये गये कदमों को और कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है तथा आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है, इस पर भी विचार करें। उन्होनें जल एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। श्री चौधरी ने परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट नियम के प्रावधानों का पालन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, ई अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, निर्माण विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, उद्योगों, खदानों, संस्थानों के चिमनी उत्सर्जन, परिवेशीय वायु मापन, उपचारित दूषित जल गुणवत्ता का मापन कार्य, राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यकम के अंतर्गत प्राकृतिक जल स्त्रोतों, परिवेशीय वायु गुणवत्ता के मापन कार्यों की भी समीक्षा की।

चौधरी ने कहा की शीघ्र ही सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक ली जायेगी एवं प्रदूषण नियंत्रण सुधार कार्यों में बुद्ध जीवी वर्ग की मदद ली जायेगी। श्री चौधरी ने मंडल की पद संरचना की समीक्षा करते हुये मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में पुनः पदसंरचना निर्धारित करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा सभी कर्मचारियों के डेटा को एच.आर.एम.एस. सिस्टम में एक माह के भीतर अपलोड करते हुये ऑनलाईन कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक में मंडल की अध्यक्ष एवं सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग सुश्री आर. शंगीता एवं मंडल के सदस्य सचिव श्री पी. अरूण प्रसाद भी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें : विश्व शांति एवं कल्याण के लिए विहंगम योग संत-समाज की राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा होगी लाभदायी-विष्णु देव साय