National Ramayana Festival : बना गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड!

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव (National Ramayana Festival) के लिए छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग का नाम गोल्डन बुक ऑफ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव (National Ramayana Festival) के लिए छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of world record) में दर्ज हो गया है। राज्य की संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित इस महोत्सव में लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड पर प्रस्तुति के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में छत्तीसगढ़ का नाम दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ ने मोस्ट स्टेज आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्य कांड का रिकॉर्ड बनाया। इस महोत्सव में 375 कलाकर, 17 दल, 13 राज्य और 2 अंतर्राष्ट्रीय देश की अरण्य कांड पर 765 मिनट की प्रस्तुति ने यह विश्व रिकॉर्ड बनाया है। बता दें कि सबसे ज्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए यह पुरुस्कार मिला है।

वहीं इस महोत्सव में रायगढ़ जिला प्रशासन ने भी रिकॉर्ड अपने नाम किया। यहां 10 हजार से अधिक लोगों ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। बता दें कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन अवसर पर विजेता रामायण मंडलियों की घोषणा भी की गई। पुरुस्कार जितने वाली रामायण मंडलियों को सीएम भूपेश बघेल ने सम्मानित किया। कर्नाटक को पहला इनाम 5 लाख रुपए, असम की रामायण मंडली को दूसरा पुरस्कार 3 लाख रुपए और तीसरा पुरस्कारा झारखंड को 2 लाख रुपए देकर सम्मानित किया गया।

राम की कृपा ही कही जाये कि राष्ट्रीय रामायण के आयोजन की ख़ुशी दुगनी हो गई है। पहले दिनभर सोशल मिडिया में रामायण ट्रेंड किया अब खबर आ रही है कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज हुआ राष्ट्रीय रामायण महोत्सव आयोजन दर्ज हो गया है। तीन दिनों तक 775 मिनट तक लगातार प्रस्तुति करने पर दर्ज हुआ छत्तीसगढ़ का नाम। सोशल मीडिया में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव छाया रहा। विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव नंबर 01 पर ट्रेंड करता रहा और लोगों ने राज्य सरकार के राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन की पहल की खूब सराहना की।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ 01 से 03 जून तक रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय महोत्सव में देश के 12 राज्यों सहित कंबोडिया और इंडोनेशिया के रामायण दलों द्वारा रामकथा पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी जाएगी। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में सर्वव्यापी भगवान श्रीराम की रामकथा के विविधतापूर्ण राष्ट्रीय-वैश्विक स्वरूपों की झलक देखने को मिल रही है।

बंगाल के रामायण की अद्भुत प्रस्तुति यह मूल रूपअनुवाद से कृतिवास के रामायण पर आधारित है। यह वाल्मीकि का ही नहीं है अपितु उनकी कल्पनाशीलता भी इसमें है। कृतिवास ने श्रीराम के कोमल पक्षों को उभारा है, वे बहुत भावुक हैं और चूंकि अरण्य कांड में सीता हरण जैसे कारुणिक प्रसंग हैं अतएव यह भावुकता इस कथा में स्पष्ट रूप से उभरती है। सुमधुर बांग्ला भाषा में यह कथा हो रही है और बात दंडकारण्य की हो रही है। यह भारत की अद्भुत सांस्कृतिक एकता है। बंगाल से कृतिवास से लेकर तमिल के कम्बन तक सबके सृजन की भूमि एक ही है

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