पुलिस ने ठेले और फुटपाथ पर बेची सब्जी, तब पकड़ में चिटफंड का आरोपी

चिटफंड कंपनी के माध्यम से ठगी करने वाले आरोपित को राजस्थान के भीलवाड़ा में पकडऩे गई सूरजपुर पुलिस को वेश बदलना पड़ा। पुलिस टीम में शामिल

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  • Updated On - December 9, 2024 / 05:01 PM IST

  • आरोपी पुलिस को बार-बार चकम देकर हो जा रहा था फरार

अंबिकापुर । चिटफंड कंपनी के माध्यम से ठगी (Fraud through chit fund company)करने वाले आरोपित को राजस्थान के भीलवाड़ा में पकडऩे गई सूरजपुर पुलिस को वेश बदलना पड़ा। पुलिस टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को कहीं सब्जी का ठेला चलना पड़ा तो कहीं फुटपाथ पर बैठकर कपड़े बेचने पड़े। 

एक पुलिस अधिकारी ने तो सिर पर पगड़ी बांध ग्रामीण की वेशभूषा में स्कूटी लेकर भीलवाड़ा में भ्रमण किया। अंतत: पुलिस ने ठगी करने वाले चार आरोपितों को धरदबोचा। एक साल में तीन गुना रकम वापस करने का झांसा देकर राजस्थान के भीलवाड़ा में संचालित चिटफंड कंपनी द्वारा सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों से 17 लाख रुपये से (Rs 17 lakh from 29 investors from Surajpur district)अधिक की ठगी की गई थी।

ठगी का मामला 21 अक्टूबर 2014 से 28 अगस्त 2017 के बीच का है। मामले में राजस्थान के भीलवाड़ा में संचालित अभिप्व प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर्स ने सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों को एक साल में रकम तीन गुना वापस करने का प्रलोभन देकर झांसे में लेते हुए 17 लाख 28 हजार 366 रुपये की ठगी का शिकार बनाया। उसके बाद कंपनी के डायरेक्टर्स रफ्फूचक्कर हो गए।

नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाला पकड़ाया

बलरामपुर। नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने के आरोपित वासुदेव मरकाम को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित मूलत ग्राम बादा थाना शंकरगढ़ का रहने वाला है। कुछ समय से वह जिला मुख्यालय बलरामपुर में निवास कर रहा था। सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। कोरंधा थाना क्षेत्र के ग्राम प्रेमनगर निवासी नानसाय व सुधन राम से आरोपित वासुदेव मरकाम ने लगभग पांच वर्ष पूर्व नौकरी लगाने का झांसा दिया था। दोनों से एक लाख 47 हजार रुपये वसूल लिए थे। दोनों की नौकरी नहीं लगी और न ही उन्हें रुपये वापस किए गए।
ठगी के शिकार दोनों युवकों ने घटना के संबंध में कलेक्टर कार्यालय बलरामपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन पत्र की जांच थाना प्रभारी कोरंधा के द्वारा की गई। आरोपित वासुदेव मरकाम के विरूद्ध 27 जून को धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत अपराध पंजीकृत किया गया था। आरोपित वासुदेव मरकाम घटना के पश्चात से लगातार फरार चल रहा था। पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर द्वारा धोखाघड़ी के फरार आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया था। एसपी के निर्देश के बाद फरार आरोपितों के संबंध में साइबर सेल से मदद ली जा रही थी।

साइबर सेल के माध्यम से वासुदेव मरकाम के मिशन रोड बलरामपुर में छिपे होने की सूचना प्राप्त होने पर थाना कोरंधा व थाना बलरामपुर की संयुक्त पुलिस टीम ने आरोपित के छिपने के संभावित स्थान पर घेराबंदी की।

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