छत्तीसगढ़ में छोटे उद्योगों को तीन गुना सब्सिडी, आत्मसमर्पित नक्सलियों और अग्निवीरों को मिलेगा तोहफा, 1 रुपये में एक एकड़ जमीन

इस नई नीति में एमएसएमई के लिए सब्सिडी में भारी वृद्धि की गई है। पहले जहां इन उद्योगों को 80 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर ढाई करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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  • Updated On - November 16, 2024 / 12:08 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई उद्योग नीति लागू (industrial policy) कर दी है, जो राज्य में उद्योगों के विकास को नई दिशा देगी। इस नीति के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए तीन गुना तक सब्सिडी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही राज्य में कई नए उद्योग क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा और सेवा क्षेत्र को भी इस नीति में शामिल किया गया है। विशेष रूप से आत्मसमर्पित नक्सलियों और अग्निवीरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें उन्हें सिर्फ 1 रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन दी जाएगी।

इस नई नीति में एमएसएमई के लिए सब्सिडी में भारी वृद्धि की गई है। पहले जहां इन उद्योगों को 80 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर ढाई करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से मध्यम उद्योगों के लिए सब्सिडी को ढाई करोड़ से बढ़ाकर साढ़े चार करोड़ रुपये किया गया है। बड़े उद्योगों के लिए भी सब्सिडी की दर 50 प्रतिशत तक कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर कोई उद्योगपति 100 करोड़ रुपये का उद्योग स्थापित करता है, तो उसे 50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।

नई नीति में राज्य सरकार ने पर्यटन, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाइल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, डेटा सेंटर, ऑटोमोबाइल जैसे उभरते हुए सेक्टरों को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, ग्रीन उद्यमों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जैसे कि पर्यावरणीय प्रोजेक्ट्स, जल एवं ऊर्जा दक्षता (एनर्जी ऑडिट) और ग्रीन हाइड्रोजन, कम्प्रेस्ड बायोगैस जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज के तहत विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाइल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षक सुविधाएं दी जाएंगी।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने सेवा क्षेत्र को भी पहली बार नीति में शामिल किया है। इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, पर्यटन, और मनोरंजन जैसे सेक्टरों के लिए भी अलग-अलग प्रोत्साहन पैकेज की व्यवस्था की गई है।

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार सृजन का भी बड़ा कदम उठाया है। अगले पांच सालों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण और प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा।

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आत्मसमर्पित नक्सलियों और अग्निवीरों के लिए विशेष योजना

इस नीति में एक और महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो आत्मसमर्पित नक्सलियों और अग्निवीरों के लिए है। इन वर्गों को विशेष अनुदान और सब्सिडी पैकेज मिलेगा, ताकि वे अपना खुद का उद्योग स्थापित कर सकें। इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को भी औद्योगिक क्षेत्रों में 1 रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन दी जाएगी, ताकि वे भी अपना रोजगार शुरू कर सकें।

उद्योग नीति में समग्र विकास का ध्यान

उरला एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी गर्ग ने कहा कि इस नीति के तहत एमएसएमई के लिए तीन गुना तक सब्सिडी बढ़ाई गई है, जिससे राज्य में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि यह नीति समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जो न केवल पारंपरिक उद्योगों को, बल्कि नए और उभरते उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगी।

राज्य सरकार की यह नई नीति छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगी, जो रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास की दिशा में अहम कदम साबित होगी।