रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh State Assembly) का विशेष सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। सदन की औपचारिक शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी। दो दिन के इस विशेष सत्र को आरक्षण विधेयकों (Reservation Bills) को पारित करने के लिए बुलाया गया है। पहले दिन शुरुआत में ही विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज मंडावी को श्रद्धांजलि दी जानी है।
पहले दिन सदन की कार्यवाही राष्ट्रगीत “वंदेमारतम’ और राज्य गीत “अरपा पैरी के धार’ के गायन से शुरू होगी। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, सदन के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी और पूर्व विधायक दीपक पटेल के निधन की सूचना देंगे। उसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से दिवंगत नेताओं को शाब्दिक श्रद्धांजलि दी जानी है। संभावना है कि उसके बाद सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी।
विशेष सत्र के पहले दूसरे दिन यानी दो दिसम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को पेश करेंगे। इसके साथ ही शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक को भी पेश किया जाना है। दिन भर की चर्चा के बाद इन विधेयकों को पारित कराने की तैयारी है। राज्य कैबिनेट ने इन विधेयकों को प्रारूप को 24 नवम्बर को हुई बैठक में मंजूरी दी थी।
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सरकार की नीतियों को चुनौती देने की तैयारी की है। विधानसभा में 70 विधायकों वाले सत्ताधारी दल को भरोसा है कि इन विधेयकों को बिना किसी अड़चन के पारित करा लिया जाएगा। विशेष सत्र पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा, भाजपा की गलत नीतियों के कारण सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
अब इसके लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। इसमें आदिवासियों के, अनुसूचित जाति के, OBC के और EWS सभी का बिल आएगा।