कांग्रेस में ‘TS सिंहदेव’ को मिली बड़ी जिम्मेदारी ! 4 राज्यों के ‘विधानसभा चुनाव’  को देखते हुए बढ़ा कद

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर भराेसा जताते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी है।

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  • Updated On - September 5, 2024 / 12:51 PM IST

रायपुर। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (Former Deputy CM TS Singhdev) पर भराेसा जताते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें रियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में पार्टी ने मेनिफेस्टो कोऑर्डिनेशन कमेटी का प्रभारी (In-charge of Manifesto Coordination Committee) नियुक्त किया है। सिंहदेव को ये जिम्मेदारी उनके पिछले अनुभव को देखते हुए दी गई है, जब उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के घोषणा पत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके बनाए घोषणा पत्र से 15 साल सत्ता में रही भाजपा 15 सीटों में सिमट गई थी। सिंहदेव के साथ अमिताभ दुबे को भी मेनिफेस्टो कमेटी का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।

2018 की जीत में टीएस सिंहदेव के बनाए गए घोषणा पत्र की थी बड़ी भूमिका

साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान टीएस नेता प्रतिपक्ष होने के साथ-साथ घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा कर अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की थी। 2018 कांग्रेस के ऐतिहासिक जीत का एक बड़ा क्रेडिट घोषणा पत्र को दिया गया था, जिसमें बिजली बिल हाफ, किसानों की कर्ज माफ़ी, धान का 2500 रुपए समर्थन मूल्य जैसी बड़ी घोषणाएं कांग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित हुई थी। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को घोषणा पत्र समिति के लिए राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया था। इस सूची में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, शशि थरूर और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थे।

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिंहदेव को घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनाया था। सिंहदेव ने ऐसी योजनाएं बनाई कि जनता प्रभावित हुई और कांग्रेस को प्रदेश की 90 में से 68 सीटें मिली थी।

इन तिथियों को होगा राज्यों में चुनाव

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर सिंगल फेज में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे।

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